सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र के आधार पर एजेंसी ने जांच शुरू की जिसमें आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के बेटे जगन ने अन्य के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर मेसर्स भारती सीमेंट कॉरपोरेशन प्राईवेट लिमिटेड के नाम पर खनन लीज आवंटित करा लिया। भारती इस कंपनी की अध्यक्ष हैं। ईडी ने यहां बयान जारी कर कहा कि जगन को विभिन्न लोगों, कंपनियों से अपने समूह की कंपनियों में निवेश के नाम पर काफी रिश्वत मिली जो आंध्रप्रदेश सरकार द्वारा उन्हें नाहक फायदा पहुंचाने के बदले में मिली थी।
जगन और अन्य के खिलाफ ईडी के हैदराबाद क्षेत्रीय कार्यालय ने धनशोधन निवारक अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत धनशोधन का मामला दर्ज किया था। ईडी ने कहा कि पीएमएल के तहत इसकी जांच से पता चला है कि जगन ने अपने समूह की कंपनियों के माध्यम से अपराध को अंजाम दिया जिसमें मेसर्स संदूर पावर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स क्लासिक रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स सिलिकॉन बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स सरस्वती पावर एंड इंडस्टीज प्राइवेट लिमिटेड और दस अन्य समूहों के नाम शामिल हैं जो निवेश, चल अचल संपत्ति की खरीद और थर्ड पार्टी पेमेंट जैसे व्यवसाय में हैं।
इसके अलावा मेसर्स भारती सीमेंट कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड को तत्कालीन आंध्रप्रदेश सरकार ने कडप्पा जिले में अवैध रूप से जो खदान आवंटित की थी। उससे उसे चूनापत्थर के रूप में लाभ प्राप्त हुए जो अपराध के तहत आता है। उस समय चूनापत्थर की कीमत 152 करोड़ रुपये से ज्यादा थी।