कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने बुधवार को उनकी मोदी सरकार को लेकर की गई टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। राहुल ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने एक नया कानून बनाया है जिसके तहत आदिवासियों की गोली मारकर हत्या की जा सकती है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने मध्यप्रदेश के शहडोल में 23 अप्रैल को एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक बयान दिया था, जिससे राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए दिशानिर्देश के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग (1) के अनुच्छेद (2) के तहत आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। आयोग ने गांधी को नोटिस का जवाब देने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया है। इस अवधि में जवाब नहीं देने की सूरत में आयोग अपनी तरफ से कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा। एक विशेष संदेशवाहक के जरिए उन्हें नोटिस दिया गया है।
भाजपा नेताओं ने की थी शिकायत
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ओम पाठक और नीरज ने आयोग से शिकायत की थी। शिकायत के बाद मध्य प्रदेश के चुनाव अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने शहडोल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, 'अब नरेंद्र मोदी ने एक कानून बनाया है। जनजातियों के लिए एक नया कानून बनाया गया है, जिसमें कहा गया है कि आदिवासियों पर गोली चलाई जा सकती है ... , आपकी जमीन ली जएगी। आपका वन लिया जाएगा, आपका पानी छीना जाएगा।'
नवजोत सिद्धू को भी नोटिस
इससे पहले बुधवार को ही चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पीएम मोदी पर आपत्तिजनक बयान देने को लेकर नोटिस दिया। कांग्रेस नेता सिद्धू ने अहमदाबाद में 17 अप्रैल को एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री को ‘चोर’ बताया था। हालांकि नोटिस के बाद भी सिद्धू के बयान का सिलसिला जारी रहा चंडीगढ़ में उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी को एक्सपोज करेंगे। सिद्धू ने कहा कि 2 करोड़ रोजगार देने की बात भी झूठ साबित हुई। राहुल गांधी ने जो कहा, वह किया। सिद्धू ने पीएम मोदी को स्वार्थी बताया और कहा कि उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी को भुला दिया। सिद्धू ने तंज करते हुए कहा, ‘ना राम मिला ना रोजगार मिला, हर गली में एक मोबाइल चलाता बेरोजगार मिला।’