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इनकम टैक्स विभाग के रडार पर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी, मिला नोटिस

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी नोवेल सिंहल लवासा कथित कर चोरी के मामले में आयकर विभाग की जांच के...
इनकम टैक्स विभाग के रडार पर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी, मिला नोटिस

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी नोवेल सिंहल लवासा कथित कर चोरी के मामले में आयकर विभाग की जांच के दायरे में हैं।

सूत्रों के अनुसार, विभाग ने नोवेल को नोटिस जारी किया है, जो लगभग 10 कंपनियों में उनके स्वतंत्र निदेशक की हैसियत से होने वाली आय से जुड़ा है। उनसे आयकर रिटर्न के कुछ दस्तावेज की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। इस मामले में पिछले सप्ताह विभाग ने उनसे पूछताछ भी की थी। हालांकि इस पर चुनाव आयुक्त या उनकी पत्नी की टिप्पणी नहीं मिली है।

नोवेल लवासा ने क्या कहा?

नोवेल लवासा ने देर रात एक बयान जारी कर कहा कि उसने अपनी आय पर सभी देय करों का भुगतान किया है। उन्होंने कहा,  "मेरे द्वारा दायर किए गए कर रिटर्न में विसंगतियों के बारे में आयकर नोटिस (मुझे जारी किए गए) के बारे में मीडिया के कुछ वर्गों में खबरें आई हैं”। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी ओर से सभी करों का भुगतान कर दिया है और पेंशन से मेरे द्वारा अर्जित सभी आय, और आयकर कानून के अनुसार अन्य सभी स्रोतों का खुलासा किया है।"

नोवेल ने कहा  कि उन्होंने 5 अगस्त, 2019 से प्राप्त सभी इनकम टैक्स नोटिस का जवाब दिया है और विभाग की चल रही प्रक्रिया में सहयोग करती रही हैं।

क्या है मामला?

इधर, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि विभाग नोवेल सिंघल लवासा के आईटीआर को देख रहा है ताकि पता लगाया जा सके कि उसकी आय अतीत में मूल्यांकन से बच गई है या कर अधिकारियों से कुछ छिपाया गया है। उन्होंने कहा कि कथित कर चोरी और पूर्व बैंकर के खिलाफ कई फर्मों में निदेशक मंडल की जांच 2015 और 2017 के बीच की समय अवधि से संबंधित है।

मुख्य चुनाव आयुक्त से मतभेद

पिछले साल केंद्रीय वित्त सचिव के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद अशोक लवासा को 23 जनवरी, 2018 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र के साथ हाल ही में संपन्न संसदीय चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के कार्यान्वयन के संबंध में उनकी राय में अंतर था।

अशोक लवासा जब भारत सरकार में सचिव बने, तभी नोवेल कई कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक बनी थीं। बता दें कि आम चुनाव के प्रचार में आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों में प्रधान मंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आयोग से क्लीन चिट मिलने पर उन्होंने असहमति दर्ज कराई थी।

 

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