गुरुग्राम में जमीन घोटाले के मामले में रॉबर्ट वाड्रा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में डीएलएफ कंपनी गुरुग्राम और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज का नाम शामिल है। इस मुद्दे पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि चुनाव आ रहे हैं इसलिए उनके पुराने मामलों को फिर से सामने लाया जा रहा है।
मामला धोखाधड़ी, साजिश रचने और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत शनिवार शाम को खेड़कीदौला थाना पुलिस ने दर्ज किया। बता दें कि भाजपा ने रॉबर्ट वाड्रा को निशाना बनाते हुए 2014 के चुनाव में इस जमीन सौदे को एक बड़ा मुद्दा बनाया था।
क्या है आरोप?
यह मामला सुरेंद्र शर्मा नाम के व्यक्ति ने दर्ज करवाई है। शिकायत के मुताबिक सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि 2007 में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी ने शिकोहपुर गांव में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के जरिए साढ़े तीन एकड़ जमीन औने-पौने रेट में खरीदी। इस कंपनी के डायरेक्टर रॉबर्ट वाड्रा हैं। आरोप है कि उस दौरान हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नियम ताक पर रखते हुए इस जमीन को कर्मशल बना दिया। इसके बाद डीएलएफ ने स्काईलाइट कंपनी को करोड़ों का फायदा पहुंचाते हुए इस जमीन को 58 करोड़ रुपये में खरीद लिया। पुलिस के अनुसार, स्काईलाइट कंपनी ने जब रजिस्ट्री करवाई, उस समय इस कंपनी की वर्थ एक लाख रुपये थी और इस कंपनी के अकांउंट में पैसे भी नहीं थे। रजिस्ट्री के दौरान जो चेक लगाए गए, वह भी कहीं पर कैश नहीं हुए। हुड्डा पर यह भी आरोप है कि वजीराबाद गांव में 350 एकड़ जमीन डीएलएफ कंपनी को गलत तरीके से अलॉट कर उसे करीब पांच हजार करोड़ का फायदा पहुंचाया।
क्या बोले वाड्रा?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस मामले पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि यह चुनाव का मौसम है, तेल की कीमत बढ़ रही है लेकिन लोगों के मुद्दों से ध्यान भटकाकर मेरे पुराने मामले पर दिया जा रहा है। इसमें कुछ नया नहीं है।