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महाश्वेता देवी नहीं रहीं

प्रसिद्ध लेखिका, पद्म विभूषण, ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी, मैगसायसाय अवॉर्ड विजेता महाश्वेता देवी का 90 साल की उम्र में निधन हो गया। कोलकाता में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह काफी दिनों से बीमार थीं।
महाश्वेता देवी नहीं रहीं

महाश्वेता देवी सिर्फ लेखिका नहीं थीं। वह प्रतिबद्धता के साथ समाज से भी जुड़ी हुई थीं। वह कहती थीं, मैं समाज सेविका नहीं समाज के प्रति चिंता रखने वाली आम नागरिक हूं।

इस मशहूर बांग्ला लेखिका को उनकी कई पुस्तकों और लेखों के साथ आदिवासियों के हक के लिए आवाज उठाने वाली सहृदय व्यक्ति के रूप में भी जाना जाएगा। उनके उपन्यास हजार चौरासी की मां पर फिल्म बनने के साथ-साथ पूरे भारत में इस पर आधारित नाटक भी खेले गए हैं। उन्होंने इस उपन्यास में एक मां और अपराधी घोषित कर बेटे की कहानी बहुत ही दारुण तरीके से रखा था। 

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