हमारे घर की रसोई के लिए सब्जियों में सबसे आवश्यक टमाटर, आलू और प्याज है, जिसके बिना हमारी खाने की थाली अधुरी रह जाती है। लेकिन, इन सामानों के बढ़ते दाम ने स्वाद बिगाड़ दिया है। देश के कई राज्यों में भारी बारिश, बाढ़ की समस्या भी इन सामग्रियों के मूल्यों में वृद्धि का एक बड़ा कारण है। यह आलम तब है जब कोरोना महामारी में करोड़ों लोगों की नौकरी जा चुकी है और लोगों को अधिक जेब ढीली कर इन सब्जियों को खरीदना पड़ रहा है।
ऐसे में लोकल सर्किल ने इस बात को समझने के लिए एक सर्वे किया कि लोग उपभोक्ता के रूप में प्रति किलोग्राम प्याज, आलू और टमाटर खरीदने के लिए इन दो महीने में कितना अतिरिक्त खर्च कर रहे हैं। इस सर्वे में इस बात को भी समझने की कोशिश की गई कि बीते साल के मुकाबले इस साल लोगों को सब्जी पर कितना अधिक खर्च करना पड़ रहा है। इस सर्वे में देश के 242 जिलों के कुल 16 हजार से अधिक लोगों से इस बाबत राय ली गई।
सर्वे में इस बात का पता चला कि एक बड़ी आबादी एक महीने में हीं एक किलोग्राम आलू पर औसतन 30 फीसदी से अधिक खर्च कर रही है जबकि प्याज पर दोगुना खर्च करना पड़ रहा है। हालांकि, टमाटर के भाव में कमी देखने को मिली है। यानी उपभोक्ता को दोगुने तक खर्च करने पड़ रहे हैं।
लोकल सर्किल द्वारा किए गए सर्वे में उपभोक्ताओं के सामने सबसे पहले इस बात को रखा गया कि हाल ही में इस सामानों के खरीदे गए मुल्यों के बारे में बताईए। जिसमें 8 हजार से अधिक लोगों ने अपनी बात रखी। जिसके आधार पर इस बात का पता चला कि 71 फीसदी लोग टमाटर 50 रूपए प्रति किलोग्राम, आलू 40 रूपए प्रति किलोग्राम और प्याज 50 रूपए किलोग्राम की दर पर खरीद रहे हैं। इसी तरह के समान सर्वे संस्थान की तरफ से सितंबर में प्रकाशित किया गया था जिसमें 61 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि वो 60 रूपए किलोग्राम की दर पर टमाटर, 30 रूपए की दर पर आलू और 25 रूपए किलो प्याज खरीद रहे हैं।