संसद के मानसून सत्र से पहले मोदी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर तैयारियां भी शुरू हो गई है। इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी कर रहे हैं। हिंदुस्तान समाचार ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि अभी तक लगभग दो दर्जन मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा हो चुकी है। सत्र से पहले सारे मंत्रालयों के काम काज की समीक्षा का काम पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। मोदी सरकार में अभी 60 मंत्री हैं, जबकि इसकी संख्या बढ़ाकर 79 तक की जा सकती है। फिलहाल कई मंत्रियों के पास दो-तीन मंत्रालय हैं।
शुक्रवार की शाम को प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की है। इस बैठक में कुछ मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा भी की गई है। कोरोना महामारी की वजह से करीब एक साल से मंत्रिमंडल विस्तार की स्थितियां नहीं बन पाई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में पीएम मोदी के अलावा 21 कैबिनेट और 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 29 राज्य मंत्री हैं।
सहयोगी दलों में अकेले रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले राज्य मंत्री हैं। इसके अलावा मोदी सरकार में अभी भाजपा के सहयोगी दलों से एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं है। ऐसे में कुछ और सहयोगी दलों को भी विस्तार में जगह दी जा सकती है।
कुछ मंत्रियों के पास कई मंत्रालय हैं। हिंदुस्तान ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि जिन लोगों को मंत्रिपरिषद के भावी फेरबदल और विस्तार में शामिल किया जा सकता है, उनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के नामों की चर्चा हैं। इस बार के विस्तार में बिहार में एनडीए का मुख्य घटक दल जेडीयू को भी जगह दी जा सकती हैं।