अपने अनुभवों को याद करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा, मुझे इस संसद ने बनाया है। इसके लिए संसद को धन्यवाद।
Farewell Pranab Mukherjee: Outgoing President thanks Parl. for 'creating' him
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— ANI Digital (@ani_digital) July 23, 2017
उन्होंने कहा कि इस भवन को छोड़ना दु:ख अौर यादों का एक मिला-जुला अनुभव होगा।
It will be with a tinge of sadness and a rainbow of memories that I will be leaving this magnificent building today: President Mukherjee. pic.twitter.com/3LYx9mCQmK
— ANI (@ANI_news) July 23, 2017
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बोलते हुए उन्होंने कहा, मैं उनके साथ सहयोग और उनके मेरे प्रति व्यवहार की अच्छी यादें साथ लेकर जा रहा हूं।
It will be with a tinge of sadness and a rainbow of memories that I will be leaving this magnificent building today: President Mukherjee. pic.twitter.com/3LYx9mCQmK
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उन्होंने कहा कि संसद ने मेरी राजनीतिक सोच को आकार दिया है। मैंने अपने जीवन में बहुत कुछ सीखा है। मेरे करियर को इंदिरा गांधी ने दिशा दी। मुझे इस लोकतंत्र के मंदिर ने तैयार किया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी पास होना परिपक्व लोकतंत्र की निशानी है। भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग संविधान की छत्र-छाया में रहते हैं। प्रणब मुखर्जी ने अध्यादेश के बारे में कहा कि जब जरूरी हो तभी इसे लाया जाए।
पुराने दिनों की याद को ताजा करते हुए कहा कि मैं 34 साल की उम्र में पहली बार सांसद के रूप में 22 जुलाई 1969 को राज्यसभा पहुंचा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, मनमोहन सिंह, भाजपा के वरिष्ठ सांसद लाल कृष्ण आडवाणी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी याद किया।
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सबसे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल की उबलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल यादगार रहा। हम आपके सपनों को पूरा करेंगे। उन्होंने राष्ट्रपति को विदाई भाषण की प्रति भेंट की।
इसके बाद उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने राष्ट्रपति के कार्यकाल की उपलब्धियां बताईं। उऩ्होंने कहा कि कैसे प्रणव मुखर्जी ने संसद में रहने के दौरान वहां बहस के स्तर को बढ़ाया।