कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अभी भी डटे हुए हैं। केंद्र सरकार अब 9 दिसंबर को किसानों के साथ बैठक करेगी। इस बीच अब किसानों को भारतीय परिवहन संघ का भी साथ मिल गया है। परिवहन संघ 8 दिसंबर से हड़ताल करेगा। वहीं किसानों ने भी 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है और चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे दिल्ली की की तरफ जाने वाली सड़कों को बंद कर देंगे।
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि पूरे देश का किसान एक साथ है और देश के किसानों ने आपस में तालमेल कर लिया है, 13 राज्यों से समर्थन आ चुका है। सरकार को जल्दी इसका हल निकालना चाहिए, अगर जल्दी हल नहीं निकलता तो 9 दिसंबर की बैठक के बाद नई रणनीति बनेगी।
बता दें कि शनिवार को किसानों और सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत हुई। मगर ये बैठक करीब 5 घंटे चलने के बाद भी बेनतीजा रही। बैठक के बाद किसान नेता ने कहा कि सरकार ने तीन दिन का वक़्त मांगा है। 9 दिसंबर को सरकार किसानों को प्रस्ताव भेजेगी। उस पर विचार करने के बाद बैठक होगी। 8 तारीख को भारत बंद जरूर होगा। ये कानून ज़रूर रद्द होंगे। अब अगली बैठक 9 दिसंबर को होगी। शनिवार को हुई बैठक के दौरान किसानों ने मौन व्रत धारण कर लिया। संगठनों ने केंद्र से हां और ना में जवाब मांगा। अब किसान संगठनों ने बैठक से वॉक-आउट करने की धमकी दी है।
इससे पहले बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक के बिन्दुवार लिखित जवाब देने को कहा, इस पर सरकार ने सहमति जताई। वहीं, बैठक खत्म होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को एमएसपी को लेकर भरोसा दिया। उन्होंने बैठक की बातों को मीडिया से साझा करते हुए कहा, हमने कहा है कि एमएसपी जारी रहेगी। एमएसपी पर किसी भी प्रकार का खतरा और इस पर शंका करना बेबुनियाद है अगर फिर भी किसी के मन में शंका है तो सरकार उसका समाधान करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
आगे कृषि मंत्री ने कहा कि एपीएमसी राज्य का एक्ट है। राज्य की मंडी को किसी भी तरह से प्रभावित करने का न हमारा इरादा है और न ही कानूनी रूप से वो प्रभावित होती है। इसे और मज़बूत करने के लिए सरकार तैयार है। अगर इस बारे में किसी को कोई गलतफहमी है तो सरकार समाधान के लिए तैयार है।
बैठक के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शन कर रहे बुजुर्ग और बच्चों को लेकर कहा, मेरा किसान यूनियन से आग्रह है कि सर्दी का सीज़न है कोविड का संकट है इसलिए जो बुज़ुर्ग लोग हैं और जो बच्चें हैं अगर उन्हें यूनियन के नेता घर भेज देंगे तो वे सुविधा से रह सकेंगे।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
			 
                     
                    