देश के विभिन्न किसान संगठनों के आवाह्न पर किए भारत बंद का जोरदार समर्थन मिला है। देश के कई हिस्सों से इस तरह की तस्वीरें आईं। किसानों को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला है। अब भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। टिकैत ने कहा है कि शाम को 7 बजे किसान नेताओं की गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक होगी। बंद का ऐलान खत्म होने के बाद किसान सिंधु बॉर्डर जाएंगे और फिर उसके बाद गृह मंत्री से मिलने जाएंगे। किसानों ने कहा है कि वो गृह मंत्री ने सिर्फ हां और ना में मांग करेंगे। किसानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पर उनकी मांगों के लिए सिर्फ "हां या नहीं" की मांग करेंगे। किसानों नेताओं ने मंगलवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ उनके 'भारत बंद' का उल्लेख "सफल" है और 25 राज्यों में प्रभाव पड़ा है।
पंजाब, हरियाणा समेत देश के अलग-अलग राज्यों के किसान मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। दिल्ली चलो नारो के साथ किसान तेरह दिनों से राजधानी में डटे हुए हैं। सिंधु बॉर्डर पर किसानों का डेरा है। अब तक केंद्र और किसानों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन ये सभी वार्ता बेनतीजा रहा। अब कल यानी नौ दिसंबर को छठे दौर को बैठक तय है। किसान संगठन इसे वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।
भारत बंद के दौरान कई जगहों से झड़प की भी खबरें आई। राजस्थान के जयपुर में एनएसयूआई और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता प्रदर्शन के दौरान आपस में हीं उलझ गएं। नए कृषि कानूनों का विरोध जताने आये भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) कार्यकर्ताओं की भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गई।
इस बीच राजनीतिक पार्टियां भी आपस में वार-पलटवार कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता वो राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, "बंद में भी सरकार के इशारे पर अराजकता की हद देखिए, कांग्रेस पार्टी के गुंडे भाजपा के दफ़्तर पर पथराव करते हैं। क्या इस तरह के अराजक तत्वों के जरिए अशोक गहलोत प्रदेश में अशांति का माहौल पैदा करना चाहते हैं?"