गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली छावनी में बदल हो गई है। दिल्ली में पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं। जबकि कल देर रात आंदोलनकारियों से लाला किला खाली करवा लिया गया है। हिंसा में लगभग 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं, इस दौरान एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत भी हो गई। पुलिस ने इस पूरे मामले के बाद 22 एफआईआर दर्ज की है।
दूसरी ओर ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने माफी मांगी है और परेड को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। बहरहाल प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया कि आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा और आगे के कदमों पर चर्चा के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह मंगलवार को हिंसक घटनाओं का गवाह बना जब सीमावर्ती क्षेत्रों में कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों ने सुरक्षा घेरे को तोड़कर ट्रैक्टर रैली के साथ आगे बढ़ने की कोशिश की और ऐतिहासिक राजपथ की ओर बढ़ने के विफल प्रयास के दौरान पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प हो गयी।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान ट्रैक्टर रैली के साथ जबरन आईटीओ के पास पहुँच गए जहां पर उनका पुलिस के साथ जबरदस्त टकराव हुआ जिसके कारण जिसमें पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस दौरान ट्रैक्टर से गिरकर एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि कई अन्य लोग घायल हो गये।
पुलिस के मुताबिक झड़प के दौरान 83 पुलिसकर्मी घायल हो गये।
इससे पहले किसान सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत कई बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसे। इस दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, नोएडा मोड़ , अक्षरधाम पर उनका पुलिस के साथ टकराव हुआ। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां चलाई लेकिन किसान टकराव के साथ आगे बढ़ते गए। आईटीओ के पास बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर के साथ जमा होकर इंडिया गेट की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
दिल्ली के अलग अलग इलाकों से मध्य दिल्ली की तरफ किसान लगातार ट्रैक्टर के साथ बढ़ रहे हैं।
सिंघु बॉर्डर से निकले किसानों के जत्थे और पुलिस के बीच मुकरबा चौक पर भिड़ंत हुई है। किसानों का ट्रैक्टर मार्च मुकरबा चौक से कंझावला जाने वाला था, लेकिन ऐन वक्त पर किसानों ने अपना रूट बदल दिया। वह आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ गए। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए है। नोएडा मोड़ पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ है। अक्षरधाम में किसान बैरिकेड तोड़कर सराय काले खां की ओर बढ़ गए।
इसबीच किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, आईटीओ और अक्षरधाम समेत अन्य स्थानों पर हुए टकराव के बीच किसानों का एक जत्था लाल किला परिसर में पहुंचकर किसानों का झंडा लहरा दिया है। आईटीओ पर टकराव के दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने लाल किला परिसर में घुसकर अपना झंडा लहराया दिया। पंद्रह अगस्त को जिस स्थान पर झंडा फहराया जाता है उसके पास ही किसानों ने अपना झंडा लगा दिया।
राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़पों को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने अपने अनेक स्टेशनों पर यात्रियों के प्रवेश और निकासी गेटों को बंद कर दिया था।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम(डीएमआरसी) ने अपने ट्वीटर पर जानकारी दी कि ग्रे लाइन के सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी गेटों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोड, जहांगीर पुरी, आदर्श नगर, आजादपुर , माडल टाउन, जीटीबीनगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा , सिविल लाइंस और इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों को मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने और निकासी की अनुमति नहीं है।
इसबीच दिल्ली पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों से हिंसा का रास्ता छोड़ शान्ति बनाए रखने और और तय हुए रास्ते से वापिस लौट जाने की अपील की। दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि आज की ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने किसानों के साथ तय हुई शर्तों के अनुसार काम किया और आवश्यक बंदोबस्त किया। दिल्ली पुलिस ने अंत तक काफी संयम का परिचय दिया, परन्तु किसान आंदोलनकारियों ने तय शर्तों की अवहेलना की और तय समय से पहले ही अपना मार्च शुरू कर दिया और आंदोलनकारियों ने हिंसा व तोड़ फोड़ का मार्ग चुना।
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों की तोड़फोड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयम के साथ ज़रूरी कदम उठाए। इस आंदोलन से जन संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है और कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। आंदोलनकारियों से अपील है कि हिंसा का रास्ता छोड़ शान्ति बनाएं रखे और तय हुए रास्ते से वापिस लौट जाएं।
दूसरी ओर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की और राजधानी में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार श्री शाह ने गृह सचिव, दिल्ली पुलिस के आयुक्त, गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने गृह मंत्री को राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया और स्थिति से निपटने की लिए उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी।
बैठक में राजधानी में अर्द्धसैनिक सैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती का निर्णय लिया गया। कुछ प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है जबकि कुछ और जगहों पर तैनात किया जा रहा है।
इसबीच आंदोलनकारी किसानों के ट्रैक्टरों पर सवार होकर राजधानी में अंदर तक आ जाने और पुलिस के साथ उनकी झड़प के बाद सरकार ने सिंघु, गाजीपुर , टिकरी आदि बार्डरों तथा उनके आस पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी।
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम 1885 के तहत प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए सिंघु, गाजीपुर, टिकरी, नांगलोई और मुकरबा चौक तथा इनसे लगते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आस पास के क्षेत्रों में दिन में बारह बजे से रात 11 बजकर 59 मिनट तक इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर बंद करने का निर्णय लिया है। मंत्रालय ने कहा है कि यह निर्णय सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने और किसी भी तरह की आपात स्थिति को टालने के लिए लिया गया है।