देश में कोरोना महामारी के बाद अब नया खतरा मंडरा रहा है। उत्तर और पूर्वी भारत के पांच राज्यों में तेज बुखार का प्रकोप देखने को मिल रहा है, जिससे पिछले एक महीने में लगभग 100 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। मध्य प्रदेश में बुखार के 3,000 मामले सामने आए हैं और 6 संदिग्ध मौतें हुई हैं।
इस रहस्यमयी बुखार का सबसे पहला मामला उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में अगस्त के दूसरे हफ्ते देखने को मिला, लेकिन सरकार का कहना था कि यह डेंगू का मामला है। 6 सितंबर को बुखार से होने वाली मौतों का कारण डेंगू बताया गया था।
इसी प्रकार अब देश के कई राज्यों में इस प्रकार के बुखार का कहर नजर आ रहा है। कई राज्यों में इसका कारण साफ नहीं हो पाया है। मध्य प्रदेश और हरियाणा राज्यों का कहना है कि लोगों में तेज बुखार के कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं। वहीं बिहार में इस बुखार को निमोनिया और बंगाल में इसे इन्फ्लूएंजा बताया है।
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मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में पिछले 45 दिनों में अब तक 6 संदिग्ध मौतें हो चुकी हैं और 3000 लोग बुखार से पीड़ित हैं। इसमें 1,400 मामले पिछले 14 दिनों में सामने आए हैं। राज्य में सबसे अधिक मामले संदसौर जिले में देखने को मिले जिसमें 886 मामले दर्ज हैं।
बिहार
बिहार की राजधानी पटना में इस बुखार से एक महीने में 14 बच्चों की मौते होने की आशंका है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में उच्च श्रेणी के बुखार के साथ सांस की बीमारी के मामले बढ़ गए हैं, जिससे पटना के प्रमुख अस्पतालों में बाल चिकित्सा वार्ड लगभग फुल हैं।
पश्चिम बंगाल
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले 5 दिनों में लगभग 1200 बच्चे बुखार और सांस की बीमारी से प्रभावित हैं, वहीं 2 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि यह पिछले वर्षों की तुलना में कम है। 2017 (जुलाई से सितंबर) में 2270 से ज्यादा मामले सामने आए। वहीं 2018 और 2019 में इसी अवधि पर कम से कम 2040 और 2,080 मामले आए थे।
उत्तर प्रदेश
अतिरिक्त निदेशक डॉ एके सिंह ने कहा कि फिरोजाबाद में 50 बच्चों और 11 वयस्कों सहित डेंगू से 61 लोगों की मौत हुई है। फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ संगीता अनेजा ने कहा कि डेंगू बुखार के कारण वर्तमान में 490 बच्चे भर्ती हैं।
इस बुखार के कारण मथुरा में अगस्त से लेकर अभी तक कुल 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं।