गैर भाजपा शासित पांच राज्य गंभीर वित्तीय संकट में फंसते जा रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार से उन्हें जीएसटी प्रतिपूर्ति का भुगतान समय पर नहीं मिल रहा है। कानून के मुताबिक जीएसटी लागू होने पर आधार वर्ष के बाद राज्यों को पांच साल तक हर साल राजस्व में 14 फीसदी बढ़ोतरी की गारंटी दी गई थी। अगर किसी राज्य के राजस्व में इतनी बढ़ोतरी नहीं होगी तो केंद्र इसकी भरपाई करेगा। इसी नियम के तहत जीएसटी राजस्व संग्रह कम होने पर केंद्र सरकार राज्यों को प्रतिपूर्ति का भुगतान करती है। लेकिन इसके भुगतान में हो रही देरी पर पांच राज्यों ने आपत्ति जताई है। पंजाब, दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के सामने संकट इतना गंभीर है कि इन राज्यों को इस मामले में संयुक्त बयान जारी करके अपनी समस्या केंद्र के सामने उठानी पड़ी।
ओवरड्राफ्ट लेने तक की नौबत
राज्यों के वित्त मंत्रियों ने एक बयान जारी करके कहा कि अगस्त और सितंबर के जीएसटी प्रतिपूर्ति का भुगतान अक्टूबर में हो जाना चाहिए था लेकिन मध्य नवंबर निकल जाने के बावजूद केंद्र सरकार पर पैसा बाकी है। एक महीने की देरी होने के लिए केंद्र ने कोई कारण भी नहीं बताया है। वित्त मंत्रियों का कहना है कि जीएसटी प्रतिपूर्ति का भुगतान न मिलने के कारण राज्यों के सामने वित्तीय संकट पैदा हो गया है। कई राज्यों के सामने ओवरड्राफ्ट लेने तक की नौबत आ गई है।
समुचित तंत्र बनाने की मांग
वित्त मंत्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अनुरोध किया कि इस मामले पर गौर करके तत्काल बकाया पैसा जारी किया जाए। उन्होंने मांग की कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस मुद्दे को एजेंडा में शामिल किया जाए और वाजिब समय में राज्यों के मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था बनाई जाए।
कई राज्यों का जीएसटी राजस्व घाटा 50 फीसदी तक
राज्यों का कहना है कि राज्यों के कर राजस्व में जीएसटी की हिस्सेदारी करीब 60 फीसदी है। कई राज्यों का जीएसटी राजस्व 50 फीसदी तक कम है। इतनी बड़े राजस्व अंतर का समय पर भुगतान न होने से राज्य की वित्तीय योजना और बजट व्यवस्था पटरी से उतर सकती है।
पंजाब में वेतन देना भी मुश्किल
इस मामले में पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार ने जल्द ही पंजाब के हिस्से का जीएसटी प्रतिपूर्ति भुगतान जारी न किया तो पंजाब के सामने ओवर ड्राफ्ट की नौबत आ जाएगी। केंद्र सरकार पर पंजाब के जीएसटी प्रतिपूर्ति का अगस्त का बकाया 2100 करोड़ रुपये है। जबकि 2,000 करोड़ रुपए के एरियर भी केंद्र सरकार की तरफ खड़े हैं। पंजाब को यह राशि जारी न किए जाने के कारण सरकार के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन जारी करने में भी मुश्किल आ सकती है।
जीएसटी प्रावधानों का उल्लंघन
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा है कि उनके राज्य का 1,500 करोड़ रुपया जीएसटी मुआवजा बाकी है। केन्द्र सरकार संविधान के अनुसार लागू हुए जीएसटी एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही है। संविधान संशोधन बिल में लिखा गया था कि यदि राज्यों के राजस्व में 14 प्रतिशत से कम की वृद्धि होती है तो केंद्र सरकार प्रतिपूर्ति देगी।
किस राज्य का कितना भुगतान बाकी
(करोड़ रुपये में)
दिल्ली 2355
पंजाब 4100
प. बंगाल 1500
केरल 1600
राजस्थान 4400