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कोच्चि के नेवल बेस से शुरू हुई यात्री उड़ान, किराये पर सरकार रख रही है नजर

केरल बाढ़ से हुई तबाही से गुजर रहा है। हालांकि अब केरल को बरसात से थोड़ी राहत मिलती दिख रही है। इस बीच...
कोच्चि के नेवल बेस से शुरू हुई यात्री उड़ान, किराये पर सरकार रख रही है नजर

केरल बाढ़ से हुई तबाही से गुजर रहा है। हालांकि अब केरल को बरसात से थोड़ी राहत मिलती दिख रही है। इस बीच त्रिवेंद्रम और एर्नाकुलम से कोलकाता के लिए दो स्पेशल ट्रेनें भी सोमवार को चलेंगी। साथ ही सोमवार से कोच्चि के नेवल बेस से यात्री उड़ानें भी शुरू हो गई हैं। कोच्चि में एयरपोर्ट के अंदर बाढ़ का पानी भर जाने के कारण राहत कार्यों के लिए पहुंचे पहली कॉमर्शियल फ्लाइट आईएनएस गरूड को कोच्चि नेवल एयर स्टेशन पर उतारा गया।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्र ने कहा कि केरल आने-जाने के लिए छोटे मार्गों पर हवाई किराया 3,395 रुपये से लेकर 6,999 रुपये के बीच है, जबकि लंबे मार्गों पर यह 6,017 रुपये से लेकर 10,000 रुपये के बीच है।

सरकार ने यह बात इन आरोपों के बाद कही कि सदी की सबसे भीषण बाढ़ों में से एक का सामना कर रहे केरल में लोगों से अत्यधिक हवाई किराया वसूला जा रहा है।

इसने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर जिस अधिक किराए का उल्लेख किया जा रहा है, वह बीच में रुककर जाने और अत्यधिक समय लेने वाली उड़ानों के लिए है।

केंद्र सरकार का बयान ऐसे दिन आया है जब उड्डयन इकाइयों और सीआईएसएफ की एक संयुक्त टीम ने राहत प्रयासों में सहायता करने राज्य तक संपर्क को आसान बनाने के लिए व्यावसायिक विमानों के संचालन की संभावना के आकलन के लिए कोचीन के नौसैन्य प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया।

देश का सातवां सबसे व्यस्त कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा राज्य में विनाशकारी बाढ़ के चलते 26 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है। इस बाढ़ में पिछले 10 दिन में लगभग 200 लोगों की जान गई है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘19 अगस्त 2018 को की गई हवाई किराए की पड़ताल में खुलासा हुआ कि केरल और आसपास के हवाईअड्डों पर जाने या वहां से आने वाली सीधी उड़ानों के छोटे मार्गों का किराया 3395 रुपये से 6999 रुपये के बीच है, वहीं लंबे मार्गों पर उड़ानों का किराया 6017 रुपये से लेकर लगभग 10,000 रुपये के बीच है।’’

इससे पहले आज दिन में नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि घरेलू एअरलाइनों को भी सलाह दी गई है कि वे सुनिश्चित करें कि केरल में त्रिवेंद्रम और कालीकट तथा मंगलूर और कोयंबटूर जैसे पास के हवाईअड्डों को जाने वाली और वहां से आने वाली उड़ानों का किराया क्षेत्र की दूरी के हिसाब से यथेष्ट आनुपातिक स्तर पर रखा जाए।

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