भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में सोमवार की शाम निधन हो गया था। मंगलवार को उनका राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्हें सैन्य विदाई दी गई। पूर्व राष्ट्रपति का लोधी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। जहां उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने उनका अंतिम संस्कार किया।
इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को 10, राजाजी मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास पर लाया गया, जहां उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। मोदी कैबिनेट की बैठक में भी प्रणब दा को श्रद्धांजलि दी गई।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति की इसी महीने ब्रेन सर्जरी हुई थी. वहीं वो कोरोनावायरस से भी पीड़ित थे। उनके निधन के बाद केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने सात दिनों के आधिकारिक शोक दिवस की घोषणा की है।
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार की शाम को एक बयान जारी कर अंतिम संस्कार के दौरान के कार्यक्रम की जानकारी दी थी। इसमें बताया गया था कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को गन कैरिज के बजाय हर्स वैन यानी शव वाहन में ले जाया जाएगा। अंतिम संस्कार लोधी रोड के शवदाहगृह पर हुआ।
बयान में कहा गया कि उनके सम्मान के लिए 31 अगस्त से 6 सितंबर तक राजकीय शोक दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को देशभर में नियमित रूप से जिन भवनों पर फहराया जाता है, वहां इसे आधा झुकाकर रखा जाएगा और कहीं भी आधिकारिक तौर पर कोई जश्न का कार्यक्रम नहीं होगा।