Advertisement

1 जनवरी से केंद्र की छोटी नौकरियों में इंटरव्‍यू खत्‍म

एक जनवरी 2016 से केंद्र सरकार की छोटी नौकरियों में भर्ती के लिए इंटरव्यू नहीं लिया जाएगा।
1 जनवरी से केंद्र की छोटी नौकरियों में इंटरव्‍यू खत्‍म

आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, छोटी-छोटी नौकरियों के लिए इंटरव्‍यू की क्या ज़रूरत है। मैंने तो कभी सुना नहीं है कि दुनिया में कोई ऐसा मनोवैज्ञानिक है जो एक मिनट, दो मिनट के इंटरव्‍यू में किसी व्यक्ति को पूरी तरह जांच लेता है। और इसी विचार से मैंने घोषणा की थी कि क्यों न हम ये छोटी नौकरियों में इंटरव्‍यू की परम्परा खत्म करें। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने सारी प्रक्रिया पूर्ण कर ली और एक जनवरी से केंद्र सरकार के ग्रुप ‘डी’, ग्रुप ‘सी’ और ग्रुप ‘बी’ के नॉन-गजेटेड पदों में भर्ती के लिए साक्षात्कार नहीं होगा। अभी जहां प्रक्रिया चल रही है उसमें कोई रूकावट नहीं होगी लेकिन 1 जनवरी, 2016 से नई व्‍यवस्‍था लागू हो जाएगी। 

मोदी ने कहा, मैंने 15 अगस्त को लाल किले से यह कहा था कि कुछ जगहें हैं जहां भ्रष्टाचार घर कर गया है। गरीब व्यक्ति जब छोटी-छोटी नौकरी के लिए जाता है तब किसी की सिफारिश के लिए पता नहीं उसे क्या-क्या कष्ट झेलने पड़ते हैं और दलालों की टोली किस तरह से उनसे रूपये हड़प लेती है। नौकरी मिले तो भी रुपये जाते हैं, नौकरी न मिले तो भी रुपये जाते हैं। सारी खबरें हम सुनते थे। और उसी में से मेरे मन में एक विचार आया था कि छोटी-छोटी नौकरियों के लिए साक्षात्कार की क्या जरूरत है।

एकता विकास का मंत्र, विविधता देश की शोभा

दादरी कांड, हरियाणा में दलित परिवार के घर में आग लगाने समेत कुछ अन्य घटनाओं पर जारी आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एकता को विकास का मंत्र और जड़ी-बूटी बताया। उन्‍होंने कहा कि भारत अनेक पंथ, सम्प्रदाय, बोली, जाति, परिवेश से युक्त विविधताओं से भरा देश है और इन विविधताओं के कारण ही हमारी शोभा है। इसे हमें अपने चिंतन, व्यवहार और अभिव्यक्ति का माध्यम बनाना चाहिए। 

एक भारत, श्रेष्ठ भारत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते ही पूरे भारत का मानचित्र सामने आता है। भारत की एकता के लिए इस महापुरुष ने बहुत बड़ा योगदान किया है। सरदार साहब को तो हम श्रद्धांजलि देंगे लेकिन भारत को एक करने के उनके सपने के मद्देनजर एकता का मंत्र निरंतर हमारे चिंतन, व्यवहार और अभिव्यक्ति का माध्यम होना चाहिए।

फिर याद आए बाबा साहेब अंबेडकर 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह ब्रिटेन की यात्रा को लेकर बहुत रोमांचित हैं। लंदन में जिस घर में बाबा साहेब अंबेडकर रहते थे वह भारत की संपत्ति बन गया है, उसका विधिवत रूप से उदघाटन करने जा रहे हैं। बाबा साहेब अंबेडकर का यह भवन इस बात की प्रेरणा देता है कि अगर इच्छा-शक्ति प्रबल हो तो संकटों को पार करके भी अपने जीवन को आगे बढ़ाया जा सकता है, शिक्षा प्राप्त की जा सकती है और यही जगह है, जिस जगह पर बैठ के बाबा साहेब अम्बेडकर ने तपस्या की थी। उन्‍होंने विश्वास जताया कि जब ब्रिटेन में भारत के ऐसे हमारे बालक पढ़ने जाएंगे तो बाबा साहेब अंबेडकर का यह स्थान उनके लिए तीर्थ क्षेत्र बन जाएगा, प्रेरणा भूमि बन जाएगा और जीवन में कुछ सीखना लेकिन बाद में देश के लिए जीने का संदेश देगा। 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad