लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि 2022 जब आजादी का 75वां साल होगा, तब या उससे पहले चाहे चांद हो या मंगल अब हम मानवसहित गगनयान लेकर जाएंगे। देश का कोई भी बेटा या बेटी अतंरिक्ष में हाथ में तिरंगा लेकर जाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि ये पूरी तरह से मेड इन इंडिया होगा। बता दें यदि 2022 में भारत का ये मिशन कामयाब रहता है तो ऐसा करने वाला यह चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, सोवियत यूनियन, और चीन अपने एस्ट्रोनॉट को खुद के यान से अंतरिक्ष में भेज चुके हैं।
पीएम ने कहा, ''कौन इस बात पर आश्चर्य नहीं करेगा कि हमारे वैज्ञानिकों ने एक साथ सौ सेटेलाइट लॉन्च किए? आज लाल किले की प्राचीर से मैं देशवासियों को खुशखबरी सुनाना चाहता हूं। हमारा देश अंतरिक्ष की दुनिया में प्रगति करता रहा है। हमने सपना देखा है कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर या उससे पहले मां भारत की कोई संतान, चाहे बेटा हो या बेटी, वह अंतरिक्ष में जाएगा। हाथ में तिरंगा लेकर जाएगा।''
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों ने मंगलयान से लेकर अब तक अंतरिक्ष में भारत ताकत का परिचय कराया है। उन्होंने कहा, ''जब हमारा यान हिंदुस्तानी लेकर जाएगा, तब अंतरिक्ष में मानव को पहुंचाने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।''
बता दें कि सोवियत यूनियन पहला देश था जिसने सबसे पहले अपने वैज्ञानिक को अंतरिक्ष में भेजा था। आज से 57 साल पहले अप्रैल 1961 में अंतरिक्ष में जाने वाले यूरी गागरिन पहले व्यक्ति बने थे। इसके बाद मई 1961 में अमेरिका ने भी एलन शेफर्ड को अंतरिक्ष में भेज दिया था। जबकि चीन 2003 में अपने ही अंतरिक्ष यान से अपने एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष में भेजने वाला तीसरा देश बन गया था। सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से 1984 में एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा स्पेस में जाने वाले पहले भारतीय बन चुके हैं। लेकिन खुद के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष का सफर तय करना अभी बाकी है।