पूर्वोत्तर के राज्यों को विशेष दर्जा मिलने के बाद से अब 90 : 10 के रेशियों में केंद्र से वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। यानी, किसी भी काम के लिए केंद्र 90 फीसद रकम देगा और राज्य को अपनी जेब से 10 फीसद लगाना होगा। असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई इस मुद्दे को कई बार मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन और विभिन्न बैठकों में उठा चुके थे। लेकिन केंद्र सरकार ने इस बाबत हरी झंडी अब दिखाई है। असम में सर्वानंद सोनोवाल की अगुवाई में सरकार गठन के सात दिनों के भीतर केंद्र ने इसकी अनुमति दे दी और पूर्वोत्तर परिषद की बैठक में नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान कर दिया। अब कोर केंद्रीय परियोजनाओं के लिए 90 फीसद और नॉन कोर परियोजनाओं के लिए 80 फीसद धन केंद्र सरकार देगी। सड़क निर्माण, दिल्ली में पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल, रेल परियोजनाएं, जैव खेती, एफ एम चैनल, बिजली उत्पादन, टेलीकॉम, रेलवे, जलपथ परियोजनाओं के लिए कुल 30 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी। योजना है कि पूर्वोत्तर के राज्यों को सीधे दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से जोड़ा जाए। असम में ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में गैस क्रैकर परियोजना, नुमलीगढ़ वैक्स यूनिट बड़ी परियोजनाएं लगाई जाएंगी। पूर्वोत्तर के लिए 34 नई परियोजनाएं मंजूर की गई हैं। कुल 1001 किलोमीटर सड़क बनेगी।
पूर्वोत्तर के दो और राज्य रेलवे के ब्रॉडगेज नेटवर्क से जुड़ गए हैं। मिजोरम के भैरवी और मणिपुर के जिरिबाम से शिलचर के लिए ट्रेन चलनी शुरू हुई है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलचर में रिमोट कंट्रोल से इन ट्रेनों के हरी झंडी दिखाई। अगरतला से शिलचर, सियालदह, जिरिबाम और भैरवी के लिए चार ट्रेनें चलाई जा रही हैं।