तहलका पत्रिका के संस्थापक तरुण तेजपाल को गोवा की एक अदालत ने बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया है। तरुण तेजपाल पर पिछले 8 साल से मामला चल रहा है। उनपर अपनी सहकर्मी के साथ लिफ्ट में यौन शोषण का आरोप लगा था। जमानत पर बाहर चल रहे तेजपाल पर 2013 में गोवा के एक पांच सितारा रिजॉर्ट में एक सम्मेलन के दौरान एक जूनियर सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था।
2017 में अदालत ने पूर्व पत्रकार पर रेप, यौन शोषण और गलत तरीके रोक लगाने के आरोप तय किए थे। तरण तेजपाल ने इन आरोपों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि छह महीने के भीतर इस केस का निपटारा किया जाए।
एक महिला साथी पत्रकार ने तरूण तेजपाल पर 2013 में गोवा के एक फाइव स्टार होटल में लिफ्ट के अंदर रेप करने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद 30 नवंबर 2013 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
तरुण तेजपाल पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चल रहा था।