गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर नए बनाए गए केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की सीमाओं का विवरण दिया। अधिसूचना से भारत का एक नया राजनीतिक मानचित्र भी मिला है। नक्शे में इन दोनों केंद्रशासित प्रदेशों को दर्शाया गया है। अब भारत में 28 राज्य और नौ केंद्र शासित प्रदेश हो गए हैं।
देश के नए केंद्र शासित प्रदेशों को औपचारिक रूप से बनाने और उनके पहले उपराज्यपाल प्राप्त करने के दो दिन बाद यह आदेश आया। पूर्व केंद्रीय व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के रूप में और पूर्व रक्षा सचिव राधा कृष्ण माथुर ने लद्दाख के उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली।
अधिसूचना के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, कारगिल और लेह को छोड़कर, पूर्व राज्य के सभी जिलों का गठन करेगा। कारगिल और लेह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा होंगे।
1947 तक जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 14 जिले थे
अधिसूचना के अनुसार, '1947 में जम्मू कश्मीर में ये 14 जिले थे। कठुआ, जम्मू, उधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुंछ, मीरपुर, मुजफ्फराबाद, लेह और लद्दाख, गिलगिट, गिलगिट वजारत, चिलहास और ट्राइबल टेरिटरी।'
2019 तक जम्मू-कश्मीर में 28 जिले थे
2019 तक पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की सरकार ने इन 14 जिलों के क्षेत्रों को पुनर्गठित करके 28 जिले बना दिए थे। नए जिलों के नाम थे-कुपवाड़ा, बांदीपुर, गांदेरबल, श्रीनगर, बड़गाम, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, राजौरी, रामबन, डोडा, किश्तवाड़, साम्बा और करगिल।
गिलगित, गिलगित बजारत, चिलहास, ट्राइबल टेरिटरी होंगे लद्दाख का हिस्सा
इनमें से करगिल जिले को लेह और लद्दाख जिले के क्षेत्र से अलग करके बनाया गया था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने 1947 के लेह और लद्दाख जिलों के बाकी क्षेत्रों के अलावा 1947 के गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और ट्राइबल टेरिटरी जिलों के क्षेत्रों को समावेशित करते हुए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (कठिनाइयों को हटाना) दूसरे आदेश, 2019 द्वारा नए लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के लेह जिले को परिभाषित किया है।