ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी को आर्बिट्रेशन विवाद में बड़ी कामयाबी मिली है। कंपनी ने एक फ्रेंच कोर्ट से फ्रांस में भारत सरकार की 20 परिसंपत्तियों को सीज करने का ऑर्डर हासिल कर लिया है। कंपनी को 1.7 बिलियन के आर्बिट्रेशन अवार्ड मामले के एक हिस्से को रिकवर करने के सिलसिले में ये सफलता मिली है। हालांकि, भारत सरकार ने कहा है कि उसे इस बाबत फ्रांस के किसी भी अदालत से किसी तरह का नोटिस या ऑर्डर प्राप्त नहीं हुआ है।
वित्त मंत्रालय ने कहा, ''इस तरह की रिपोर्ट आ रही है कि केयर्न एनर्जी ने पेरिस में भारत सरकार की संपत्तियों को सीज/ फ्रीज किया है। हालांकि, भारत सरकार को किसी भी फ्रेंच कोर्ट की ओर से किसी प्रकार का नोटिस, आदेश या कम्युनिकेशन नहीं प्राप्त हुआ है।''
वित्त मंत्रालय ने आगे कहा है, ''केयर्न एनर्जी के सीईओ और प्रतिनिधियों ने मामले के निराकरण के लिए चर्चा करने के वास्ते भारत सरकार से सम्पर्क किया है। रचनात्मक बातचीत हुई है। सरकार देश के कानूनी ढांचे के अंतर्गत विवाद के सौहार्दपूर्ण हल के लिए तैयार है।''
इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक सूत्र के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया कि 11 जून को एक फ्रेंच कोर्ट ने केयर्न एनर्जी को यह ऑर्डर किया कि वह भारत सरकार की परिसंपत्तियों को टेक ओवर कर सकती है। इन परिसंपत्तियों में अधिकतर फ्लैट हैं। इस संदर्भ में कानूनी प्रक्रिया बुधवार शाम को पूरी हो गई।
गौरतलब है कि दिसंबर में एक आर्बिट्रेशन पैनल (मध्यस्थतता मंच) ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स डिमांड के एक मामले में भारत सरकार के विरुद्ध निर्णय दिया था। पैनल ने भारत सरकार को 1.2 बिलियन डॉलर से ज्यादा की राशि ब्याज और जुर्माने के साथ केयर्न एनर्जी को देने का आदेश दिया है।