इस घटना की जांच तो अभी जारी है लेकिन जिस तरह से खुलासे हो रहे हैं इससे प्रतीत होता है कि सरकार की जो नीतियां बनती हैं उस पर कॉरपोरेट का पूरी तरह से साया रहता है। इस तरह के दस्तावेज निकलवाने के पीछे कॉरपाेरेट घरानों का यही उद्देश्य रहता है कि अगर नीतियां उनके अनुकूल नहीं बन रही हैं तो उसमें बदलाव लाने के लिए दबाव बनाया जा सके।
जो दस्तावेज पुलिस ने बरामद किए हैं उनमें केवल पेट्राेलियम मंत्रालय के ही दस्तावेज नहीं हैं बल्कि वित्त मंत्रालय सहित कई और मंत्रालयों के कागजात हैं।
पुलिस की जांच जारी है और इस मामले में अभी कई रहस्यों से परदा हटना है। अस्सी के दशक के मध्य में जासूसी के एक मामले की याद दिलाने वाले इस प्रकरण में स्वतंत्र ऊर्जा सलाहकार का दावा करने वाले कुछ पत्रकारों और कुछ पेट्रो कंपनियों के कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इस गिरफ्तारी के बाद से राजनीति एवं कॉरपोरेट हलकों में सनसनी फैल गई।
मामला इतना बड़ा है कि पुलिस आयुक्त को खुद सामने आकर मामले को संज्ञान में लेना पड़ा है। सूत्रों के मुताबिक इस घटना में रिलायंस सहित कई कंपनियों का नाम सामने आ रहा है। लेकिन पुलिस ने अभी किसी नाम का खुलासा नहीं किया। पुलिस आयुक्त के मुताबिक जांच जारी है और कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
जबकि रिलायंस इंड्स्ट्री ने अपने कर्मचारी की संलिप्तता को लेकर आंतरिक जांच शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी के मुताबिक एक गुप्त सूचना के आधार पर कदम यह उठाया गया। जिससे मामले का खुलासा हुआ है।
चोरी करने के आरोप में पकड़े गए पांचों आरोपियों को दिल्ली पुलिस मौका-ए-वाददात पर ले गयी, ताकि उस कार्यालय भवन और उसके अंदर उनकी पहुंच की जांच की जा सके।
इस मामले में गिरफ्तार आरोपी आसाराम के बारे में बताया जाता है कि वह पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का ही चपरासी है जबकि शांतनु सैकिया पत्रकार हैं
सैकिया अपनी वेबसाइट चलाने के अलावा रेसिपी पर एक पुस्तक ‘दावत’ भी लिख चके हैं। इस मामले में एक पूर्व पत्रकार शैलेंद्र झा का भी नाम आ रहा है जो रिलायंस इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ है।
शांतनु मुंबई के ताज होटल में नवंबर 2008 के दौरान आतंकवादी हमले में पत्नी सबीना को खो चुके हैं। उनके दो बच्चे हैं जिनमें से एक बेटा भी पत्रकार ही है। दस्वावेज लीक मामले के सभी आरोपियों को पेट्रोलियम मंत्रालय ले जाया गया है। प्रयास जैन दिल्ली के पटेलनगर से अपनी कंसल्टेंसी कंपनी चलाते हैं।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इस मामले में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज, अनिल अंबानी की अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (एडीएजी), अनिल अग्रवाल की की केयर्न्स इंडिया और एस्सार के सभी ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, बजट पेश करने से ठीक पहले की इस घटना को अति संवेदनशील मानते हुए देशभर में छापेमारी की संभावना है।
इस खुलासे ने एनडीए सरकार की नींद उड़ा दी है। सरकार को शक है कि बड़ी कंपनियां अगर इस तरह के धंधे में संलिप्त हैं तो इससे सरकार की नीतियों पर भी असर पड़ सकता है।