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सरकार को नहीं पता कहां है दाऊद इब्राहिम

अंतरराष्ट्रीय माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम कहां है इसको लेकर सरकार ने संसद में अजीबोगरीब बयान दे डाला। मंगलवार को संसद में एक सांसद द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार की ओर से कहा कि इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि दाऊद कहां है।
सरकार को नहीं पता कहां है दाऊद इब्राहिम

रोचक बात तो यह है कि  भारत सरकार पाकिस्तान से दाऊद को सौंपने की मांग लगातार करती आ रही है। यहां तक की गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी यह माना था कि दाऊद पाकिस्तान में है। हाल ही में पूर्व आईपीएस अधिकारी नीरज कुमार के हवाले से यह दावा किया था कि मुंबई ब्लॉस्ट के बाद दाऊद ने सरेंडर करने की इच्छा जताई थी। हालांकि बाद में कई पूर्व अधिकारियों ने इसका खंडन किया। 

लोकसभा में सांसद नित्यानंद राय के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री  हरीभाई परथीभाई चौधरी ने कहा, अभी तक दाऊद का पता नहीं लग सका है। एक बार दाऊद इब्राहिम का पता लगने के बाद उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। राय ने सरकार से पूछा था कि देश में विभिन्न आतंकी मामलों में वांछित दाऊद इब्राहिम और अन्य आतंकियों के प्रत्यर्पण की स्थिति क्या है।

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि दाऊद इब्राहिम साल 1993 के मुम्बई श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले में अभियुक्त है और उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस संख्या 0135-4..1993 जारी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी उसके विरूद्ध विशेष नोटिस जारी किया है। अभी तक उसका पता नहीं लग सका है। दिलचस्प बात यह है कि सरकार काफी समय से यह कहती रही है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में वहां के सुरक्षा तंत्र के संरक्षण में रहता है।

भारत ने दाऊद के बारे में पाकिस्तान को कई डोजियर दिए हैं जिसमें देश में वांछित इस भगोड़े के पाकिस्तान स्थित उसके ठिकाने की जानकारी भी दी गई है। 27 दिसंबर 2014 को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कहा था कि दाऊद भारत में वांछित है और भारत ने पाकिस्तान से बार-बार उसे सौंपने को कहा है।

इसी दिन गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने नयी दिल्ली में कहा था कि भारत ने पाकिस्तान से दाऊद को सौंपने को कहा है क्योंकि उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत है। मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने आतंकवाद के मामलों में भारतीय प्राधिकरणों द्वारा वांछित भगोड़ों के प्रत्यर्पण के बारे में संबंधित देशों से त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है जिनमें थाईलैंड से नरूएन आर्टवानिच, ब्रिटेन से बेलू उर्फ बूपालन उर्फ दिलीपन, और ब्रिटेन से ही मोहम्मद हनीफ टाइगर उर्फ मोहम्मद हनीफ उमरजी पटेल के मामले शामिल है।

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