सरकारी बैंकों के अधिकारियों के एक संगठन ने शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया है। यह हड़ताल वेतन-भत्तों में तत्काल संशोधन की मांग और सरकारी बैंकों के विलय के खिलाफ किया जा रहा है।
अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) के प्रस्तावित हड़ताल से देशभर में बैंकिंग कामकाज पर असर पड़ने की संभावना है। हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज सामान्य रहेगा क्योंकि वे इस हड़ताल में शामिल नहीं हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकतर बैंक हड़ताल और उससे कामकाज पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अपने ग्राहकों को सूचित कर चुके हैं। एआईबीओसी के संयुक्त महासचिव रविंदर गुप्ता ने कहा है कि हमने वेतन-भत्ते की समीक्षा करने की मांग की है। इसके अलावा सरकारी बैंकों के विलय के खिलाफ हमारा विरोध है।
बता दें कि तीन लाख से ज्यादा बैंक कर्मियों के हड़ताल में शामिल होने से पूरे देश में बैंकिंग सेवा प्रभावित होने की आशंका है। एटीएम में कैश की किल्लत भी हो सकती है। वहीं, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीए) पहले ही 26 दिसंबर को हड़ताल के आयोजन का फैसला कर चुकी है।
पांच दिनों तक बैंक बंद...
हड़ताल के लिए शुक्रवार का दिन चुनने से साप्ताहिक अवकाश और क्रिसमस की छुट्टी के कारण अगले पांच दिनों तक बैंक बंद रहेंगे। वहीं, नौ बैंकों की शीर्ष यूनियन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने भी 26 दिसंबर को हड़ताल का आह्वान किया है। इन दो दिनों की हड़ताल की घोषणा से सिर्फ सोमवार 24 दिसंबर को छोड़कर क्रिसमस तक बैंक बंद रहेंगे। क्योंकि 21 और 26 को हड़ताल के अलावा 22 दिसंबर को चौथा शनिवार, अगले दिन रविवार और 25 को क्रिसमस की छुट्टी है।
पीएसयू बैंकों को 83 हजार करोड़ देगी सरकार
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि बैंकों में एनपीए की स्थिति का जायजा पूरा हो चुका है और सरकारी बैंकों में 83,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि यह पूंजी न सिर्फ आरबीआई की पाबंदी (पीसीए) झेल रहे बैंकों में ही डाली जाएगी, बल्कि कुछ ऐसे सरकारी बैंकों में भी डाली जाएगी, जिनपर आने वाले समय में आरबीआई बड़े लोन देने पर पाबंदी लगा सकता है। जेटली ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के दौरान अगले कुछ महीनों में पब्लिक सेक्टर के बैंकों में 83 हजार करोड़ रुपए का फंड इनफ्यूजन करेगी। इससे चालू वित्त वर्ष के दौरान बैंकों का कुल रिकैपिटलाइजेशन 65 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 1.06 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।