गोमांस खाने की अफवाह पर एक आदमी की दादरी में हत्या को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि गौमांस के अवैध निर्यात की जांच करने के लिए बंदरगाहों पर प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। कृषि राज्य मंत्री बालियान ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने वाली एक संस्था(एपीईडीए), खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय और कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गौमांस के अवैध निर्यात पर एक समीक्षा बैठक के बाद यह घोषणा की।
बालियान ने कहा कि एपीईडीए के अधिकारियों ने बताया है कि उत्पादन और निर्यात की सॉफ्टवेयर 'मीट नेट' के जरिये कड़ाई से निगरानी करने के कारण गौमांस का किसी भी प्रकार का अवैध निर्यात नहीं होता है, हालांकि गौमांस के अवैध निर्यात की जांच करने के लिए बंदरगाहों पर प्रयोगशालाओं की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। उन्होने कहा कि ये निर्यात ज्यादातर मुंबई पोर्ट से होते हैं। साथ ही बालियान ने बताया कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से लदान की सख्त निगरानी करने की वजह से इस साल अप्रैल-अगस्त के दौरान भैंसों के मांस का निर्यात 14.7 फीसदी गिरा है। साल 2014-15 में भारत ने 4,781.18 करोड़ डॉलर के भैंस मांस का निर्यात किया है।
गोहत्या पर केंद्र सरकार की कोई आदर्श कानून लाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर बालियान ने कहा, मुझे ऐसे किसी प्रस्ताव की जानकारी नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार अवैध गोहत्या पर नियंत्रण नहीं कर सकती है क्योंकि यह राज्य का विषय है। वर्तमान में, पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, केरल, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और लक्षद्वीप में गोहत्या पर रोक के लिए कोई कानून नहीं है।
बालियान ने सोमवार को कहा था कि दादरी में हत्या महज एक घटना थी जिसमें किसी भी प्रकार की साजिश नहीं है, इसे किसी भी तरह का सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा था केंद्र सरकार ने गौमांस का आयात और निर्यात प्रतिबंधित किया हुआ है, अवैध तौर पर गौमांस के निर्यात की हम समीक्षा करेंगे।