मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शिवानी चौहान ने कहा, अदालत संतुष्ट है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए, 354 बी, 354 डी, 509 और 341 के तहत आरोपित आर.के. पचौरी के खिलाफ कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए काफी सामग्री है। दिल्ली पुलिस ने एक मार्च को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए, 354 बी, 354 डी, 509 और 341 के तहत पचौरी के खिलाफ 1400 पन्नों का एक आरोप-पत्र दाखिल किया था।
मजिस्ट्रेट ने कहा, आरोपित पर आरोप है कि उन्होंने कई अवसरों पर शिकायतकर्ता पर यौनिक टिप्पणियां कीं। उन्होंने शिकायतकर्ता की स्पष्ट अस्वीकृति के बावजूद उन्हें गलत तरीके से छुआ। उन्होंने शिकायतकर्ता को अशोभनीय एसएमएस और व्हाट्सएप्प संदेश भेजे। आरोपपत्र में अभियोजन पक्ष के 23 गवाह हैं जिनमें से ज्यादातर टेरी के मौजूदा और पूर्व कर्मी हैं। उल्लेखनीय है कि पचौरी को पिछले साल 21 मार्च को इस मामले में अंतरिम जमानत प्रदान की गई थी। पिछले साल 13 फरवरी को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए, 354 बी, 354 डी, 509 और 341 के तहत पचौरी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    