गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में निकली किसानों की ट्रैक्टर रैली में जमकर हिंसा हुई और इसी का असर अब किसान आंदोलन पर पड़ता हुआ दिख रहा है। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पिछले करीब दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के खिलाफ गुरुवार को गांव वाले सड़कों पर उतर आए।
लाल किले में हुई हिंसा को लेकर गांव वालों में नाराजगी दिखी, प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि तुरंत हाइवे खाली किया जाए। किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में हिंदू सेना संगठन और स्थानीय नागरिक थे, जो तिरंगे के साथ आए थे।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लाल किले में तिरंगे का अपमान किया गया, जो हम लोग नहीं सहेंगे। हम अभी तक यहां प्रदर्शन कर रहे किसानों की मदद कर रहे थे, लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन जो घटना हुई उससे वो काफी नाराज हैं।
किसान आंदोलन के समर्थन में आम आदमी पार्टी कल राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी। आम आदमी पार्टी पहले से ही कृषि कानूनों के विरोध में है और सितंबर महीने में जब कृषि बिल संसद में पास हुए थे तो पार्टी ने इसका विरोध किया था। इसके अलावा कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि 16 पार्टियां कल राष्ट्रपति के भाषण का विरोध करेंगी और ये फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि किसान कानूनों को बिना किसानों और पार्टियों की सहमति के बिना लिया गया है।