जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है। ऐसे में यहां हालात को भांपते हुए सुरक्षा बलों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर 150 से ज्यादा कट्टरपंथी और अलगाववादी नेताओं को हिरासत में ले लिया। वहीं केंद्र सरकार ने श्रीनगर में 14 साल बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को तैनात किया है। केंद्र सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां घाटी रवाना की हैं। इस बीच अलगाववादियों के संगठन 'ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप' (जेआरएल) ने रविवार को घाटी में बंद रखने का आह्वान किया।
एकाएक सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ने के बाद से घाटी में अनुच्छेद 35ए और 370 को लेकर अफवाहों का दौर शुरू हो गया है। कड़े सुरक्षा इंतजामों के बावजूद सड़कों पर लोग समूहों में दिख रहे हैं। इस बीच सरकार ने अलगाववादियों के खिलाफ भी बड़ा अभियान चलाया है और 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। अलगाववादी नेता यासीन मलिक, जमात ए इस्लामी के प्रमुख डॉ. अब्दुल हमीद फैय्याज को पुलिस ने हिरासत में लिया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में से ज्यादातर जमात ए इस्लामी के कार्यकर्ता हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस इसे नेताओं और संभावित पत्थरबाजों को हिरासत में लेने की रूटीन कार्रवाई बता रही है। लेकिन जमात पर इतने बड़े स्तर पर संभवत: पहली बार कार्रवाई हुई है। यह संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की राजनीतिक विंग माना जाता है।
बंद का आह्वान
अलगाववादियों के संगठन 'ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप' (जेआरएल) ने रविवार को घाटी में बंद रखने का आह्वान किया। जेआरएल ने एक बयान में कहा, ‘‘मनमाने ढंग से की गई गिरफ्तारियों, रात में छापेमारी, राज्य में दमन, हत्या और सेंसरशिप के कारण लोगों के बीच असुरक्षा और अनुच्छेद 35-ए के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ के विरोध में 24 फरवरी (रविवार) को हड़ताल की जायेगी।’’
हिरासत को लेकर नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं
जमात ने एक बयान जारी कर लोगों को हिरासत में लिये जाने की निंदा की है और कहा है, ‘‘...यह कदम इस क्षेत्र में और अनिश्चितता की राह प्रशस्त करने के लिए भली-भांति रची गई साजिश है।’’
जमात ने दावा किया 22 और 23 फरवरी की दरम्यानी रात में पुलिस और अन्य एजेंसियों ने एक व्यापक गिरफ्तारी अभियान चलाया और घाटी में कई घरों पर छापेमारी की। उसके केन्द्रीय और जिला स्तर के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया जिसमें अमीर (प्रमुख) डॉ. अब्दुल हमीद फैयाज और वकील जाहिद अली (प्रवक्ता) शामिल हैं। जमात ने उच्चतम न्यायालय में अनुच्छेद 35 ए पर एक याचिका की सुनवाई के पहले हुई छापेमारी को ‘संशय में डालने वाली’ करार दिया।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने छापेमारी की वैधता पर शनिवार को सवाल उठाते हुये कहा कि ‘मनमाने’ कदम से राज्य में ‘‘मामला जटिल’’ ही होगा। महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘पिछले 24 घंटों में हुर्रियत नेताओं और जमात संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। इस तरह की मनमानी कार्रवाई को समझ नहीं पा रही हूं, इससे जम्मू कश्मीर में केवल हालात जटिल ही होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किस कानूनी आधार पर उनकी गिरफ्तारी न्यायोचित ठहराई जा सकती है? आप एक व्यक्ति को हिरासत में रख सकते हैं लेकिन उनके विचारों को नहीं।’’
माकपा के विधायक मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने कहा कि यह कार्रवाई और बिना किसी ठोस कानूनी आधार पर अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारियां राज्य के लिए अच्छा नहीं है।
वहीं, हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में लेने और जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर के नेताओं पर छापेमारी की निंदा की और कहा कि ‘बल प्रयोग और डराने से’ स्थिति केवल ‘खराब’ ही होगी।
14 साल बाद बीएसएफ की तैनाती
केंद्र सरकार ने श्रीनगर में 14 साल बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को तैनात किया है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने बीएसएफ की 100 अतिरिक्त कंपनियां जम्मू-कश्मीर बुलवा ली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने दिल्ली में बताया कि बीएसएफ की 35 सहित इस अर्धसैनिक बल की 100 कंपनियां लोकसभा चुनाव से पहले के नियमित अभ्यास के तहत तैनात की जा रही हैं। अधिकारियों ने यहां कहा कि बीएसएफ 14 साल के बाद घाटी में वापस बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ को 2016 में हुई अशांति के समय अस्थायी तौर पर एक हफ्ते के लिए कश्मीर में तैनात किया गया था, लेकिन उसे तुरंत वहां से हटा लिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति के बीच यह तैनाती की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ श्रीनगर में चार और बडगाम जिले में एक जगह तैनात की गई है। सीआरपीएफ की जगह बीएसएफ की तैनाती हुई है। उन्होंने बताया कि इस कदम का मकसद घाटी में कानून-व्यवस्था दुरुस्त करना है। उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएफ आईटीबीपी की कंपनियों के साथ मिलकर कश्मीर क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ की कंपनियों से स्थिर गार्ड ड्यूटी संभालेगी।’’
डॉक्टरों की छुटि्टयां रद्द, रविवार को भी खुलेंगी राशन की दुकानें
श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ने डॉक्टरों की सर्दी की छुटि्टयां रद्द करते हुए सोमवार तक ड्यूटी जॉइन करने को कहा है। खाद्य विभाग ने स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि द. कश्मीर में शनिवार शाम तक सभी लोगों को अनाज पहुंचा दें। राशन डिपो और इसके आउटलेट रविवार को भी खुले रहेंगे।
क्या है आर्टिकल 35ए?
आर्टिकल 35ए, जम्मू-कश्मीर के अलावा बाकी राज्यों के लोगों को यहां अचल संपत्ति को खरीदने, स्थाई तौर पर निवास करने और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभार्थी बनने से रोकता है।