दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार आरोपी नताशा नरवाल, आसिफ इकबाल तन्हा और देवांगना कालिता को जमातन दे दी है। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस ए जे भंभानी ने की। बता दें कि इन तीनों को पूर्वोत्तर दिल्ली में पिछले साल फरवरी में हुई हिंसा के सिलसिले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने तीनों आरोपियों को जमानत देने से इनकार करने वाले निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया और उन्हें नियमित जमानत पर स्वीकार कर उनकी अपीलों को मंजूर कर लिया।
हाईकोर्ट ने पिंजरा तोड़ के कार्यकर्ता नरवाल और कलिता और तन्हा को अपने पासपोर्ट सौंपने और अभियोजन पक्ष के गवाहों को कोई प्रलोभन नहीं देने या मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया।
तीनों आरोपियों को पिछले साल मई में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
नागरिकता कानून के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा के नियंत्रण से बाहर होने के बाद पिछले साल 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुईं, जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए और लगभग 200 घायल हो गए थे।