केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के चीफ आलोक वर्मा और एजेंसी में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच खींचतान चर्चा में है। अब सीबीआई ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना पर मामला दर्ज किया है। एफआईआर में उन पर मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से तीन करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस मामले में दखल दिया। जिसके बाद मामले से जुड़े डीएसपी रैंक के अधिकारी देवेंद्र कुमार गिरफ्तार हो गए। कुछ देर बाद कई अधिकारियों के ठिकानों पर सीबीआई ने छापे भी मारे। आइए जानते हैं कि इस हाई वोल्टेज ड्रामा के बड़े किरदार कौन से हैं...
आलोक वर्मा
1979 बैच के आईपीएस अफसर आलोक वर्मा वह 1 फरवरी 2017 से सीबीआई के प्रमुख हैं। उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है। मौजूदा पोस्टिंग से पहले वह दिल्ली के पुलिस कमिश्नर थे।
सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को एक विस्तृत पत्र लिखकर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के 10 मामले गिनाए थे। इसी पत्र में यह भी आरोप लगाया गया था कि सतीश सना ने मांस कारोबारी मोईन कुरेशी वाले मामले में क्लीनिचट पाने के लिए सीबीआई प्रमुख को दो करोड़ रुपये दिये।
राकेश अस्थाना
1984 बैच के गुजरात आईपीएस अफसर इस समय सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर हैं। जेएनयू के छात्र रहे अस्थाना ने चर्चित चारा घोटाला और गोधरा ट्रेन में आगजनी मामलों की जांच की थी। स्टर्लिंग बायोटेक में कथित भूमिका के लिए एक याचिका भी दाखिल की गई थी। आरोप लगाए गए थे कि उन्हें 3.8 करोड़ रुपये घूस के तौर पर मिले थे।
अब सतीश साना की शिकायत के आधार पर विशेष निदेशक अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मांस कारोबारी मोईन कुरेशी की कथित संलिप्तता से जुड़े 2017 के एक मामले में जांच का सामना कर रहे सतीश सना ने आरोप लगाया कि अस्थाना ने उसे क्लीनचिट दिलाने में कथित रूप से सहायता की।
देवेंद्र कुमार
सीबीआई में डीएसपी देवेंद्र कुमार को सोमवार को एजेंसी ने घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया, जिसमें अस्थाना पर भी आरोप लगा है। वह कुरैशी के खिलाफ केस में जांच अधिकारी थे। सीबीआई ने दावा किया है कि उन्होंने सना का फर्जी बयान तैयार किया, जिसने केस में राहत के लिए घूस देने का आरोप लगाया था।
मोइन कुरैशी
मांस व्यापारी मोईन कुरैशी ने दून स्कूल और सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की। उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक बूचड़खाना खोला और आगे चलकर भारत के सबसे बड़े मांस निर्यातक बन गए। इन पर आरोप है कि वहे पूर्व सीबीआई प्रमुखों एपी सिंह और रंजीत सिन्हा के काफी करीबी थे। एजेंसियां उनके खिलाफ कथित कर चोरी, लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार की जांच कर रही हैं। चार साल पहले 15 फरवरी 2014 में कुरैशी पर आयकर विभाग द्वारा छापा मारा गया था, तब उसके सीबीआई निदेशक एपी सिंह के साथ ब्लैकबेरी मैसेंजर (BBM) मैसेज मिले थे। इसके बाद सिंह को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्य के रूप में इस्तीफा देना पड़ा।
अरबपति मोइन कुरैशी दिल्ली के छतरपुर में एक फार्महाउस का मालिक है। फार्म हाउस के बारे में कहा जाता है कि यह काफी शानदार है और इसे जर्मनी के जाने माने आर्किटेक्ट जीन लुइन ने डिजाइन किया था, जिसे डिजाइनिंग की टॉप इंटरनेशनल मैगजीन एली डिकोर के फ्रंट पेज पर जगह दी गई थी।
सतीश सना
सतीश बाबू सना हैदराबाद के बिजनसमैन हैं। एक समय वह आंध्र प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के कर्मचारी थे। नौकरी छोड़कर उन्होंने कई कंपनियों में काम किया। उन्हें कई पार्टियों से जुड़े बड़े नेताओं का करीबी भी माना जाता है। 2015 में मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ एक ईडी केस में सबसे पहले उनका नाम सामने आया। अस्थाना की टीम ने मामले की जांच की थी।
अब सीबीआई ने सतीश साना की शिकायत के आधार पर विशेष निदेशक अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। मांस कारोबारी मोईन कुरेशी की कथित संलिप्तता से जुड़े 2017 के एक मामले में जांच का सामना कर रहे सना ने आरोप लगाया कि अस्थाना ने उसे क्लीनचिट दिलाने में कथित रूप से मदद की