हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की माली हालत को लेकर राजनीति तेज है। वित्तीय संकट का सामना करने की खबरें सामने आने के बाद ने एचएएल ने कहा कि 83 हल्के लड़ाकू विमानों और 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के ऑर्डर अभी अंतिम चरण में हैं और उसकी वित्तीय स्थिति में सुधार की संभावनाएं हैं।
एचएएल ने यह भी कहा कि उसने अपनी मौजूदा जरूरतें पूरी करने के लिए 962 करोड़ रुपए का ओवरड्राफ्ट (बैंक से धनराशि लेना) लिया था। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एचएएल ने कहा, ‘‘एचएएल को लेकर मीडिया में आई विभिन्न खबरों के मद्देनजर, यह स्पष्ट किया जाता है: एचएएल ने 962 करोड़ रुपए का ओवरड्राफ्ट लिया है। मार्च तक अनुमानित संग्रह से नगद की स्थिति में सुधार हो सकता है। एलसीए मैक1ए (83) और एलसीएच (15) अंतिम चरण में हैं।’’
कंपनी ने यह बयान ऐसे समय में दिया जब मीडिया में ऐसी खबरें आई कि वह वित्तीय संकट से जूझ रही है। अपने कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए उसे उधार लेना पड़ा। यह मामला सामने आने के बाद कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग छिड़ गई है।
राहुल-सीतारमण में आरोप प्रत्यारोप
राहुल गांधी ने निर्मला सीतारमण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बचाने के लिए संसद में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को एक लाख करोड़ रुपये की खरीद का आदेश देने पर झूठ बोला गया। राहुल ने दावा किया कि एचएएल का कहना है कि उसे 'एक पैसा भी नहीं मिला।' राहुल ने निर्मला सीतारमण पर यह आरोप लगाते हुए उनसे सबूत दिखाने या इस्तीफा देने की चुनौती दी थी, जिसे स्वीकरते हुए रक्षा मंत्री ने कथित तौर पर एचएएल से हुई डील के दस्तावेज सार्वजनिक किए हैं।
रक्षा मंत्री की तरफ से इस संबंध में ट्वीट किया गया और बताया गया कि कब और कितने पैसों की रक्षा डील एचएएल से की गई। रक्षा मंत्री ने दस्तावेज जारी कर दावा किया है कि 2014-18 के बीच HAL ने 26570.8 करोड़ के सौदे साइन किए हैं। जबकि 73000 करोड़ की डील पाइपलाइन में हैं। ये दावा करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल को चुनौती दी कि क्या राहुल गांधी अब संसद के सामने देश से माफी मांगेंगे और इस्तीफा देंगे?
राहुल गांधी ने लगाए ये आरोप
इससे पहले राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को ट्वीट कर चुनौती दी और कहा कि सबूत दिखाएं या फिर इस्तीफा दें। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा था, 'जब आप एक झूठ बोलते हैं, तो आपको पहले झूठ को छिपाने के लिए और अधिक झूठ बोलना पड़ता है। पीएम के राफेल झूठ का बचाव करने की उत्सुकता में, रक्षा मंत्री ने संसद में झूठ बोला। कल रक्षा मंत्री को संसद के दस्तावेजों से पहले एचएएल को 1 लाख करोड़ के सरकारी आदेश दिखाने होंगे। या इस्तीफा दें।' राहुल गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी एचएएल वित्तीय संकट से जूझ रही है और वह अपने कर्मियों को तनख्वाह देने के लिए धन उधार लेने को मजबूर है। इसी आरोप पर जोर देते हुए कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा था, ‘झूठ बोलने वाली रक्षा मंत्री का पर्दाफाश हो गया। रक्षा मंत्री ने दावा किया था कि एचएएल को एक लाख करोड़ रुपये की खरीद के ऑर्डर दिए गए हैं। एचएएल का कहना है कि उसे एक पैसा तक नहीं मिला क्योंकि एक भी ऑर्डर पर हस्ताक्षर नहीं किए गए।’
एचएएल से लगातार डील हो रही है: सीतारमण
कांग्रेस आरोप लगा रही है कि मौजूदा सरकार ने राफेल डील एचएएल के बजाय अनिल अंबानी के साथ कराई और उन्हें फायदा पहुंचाया जबकि मोदी सरकार का कहना है कि उनके राज में एचएएल को मजबूत करने का काम किया गया है। संसद में राफेल डील से जुड़े आरोपों पर सफाई देते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एचएएल से लगातार रक्षा सौदे किए जा रहे हैं।