आपको याद होगा 26 मई 2014 का वह दिन जब अधिकतर पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली थी। शुक्रवार को मोदी सरकार अपने तीन साल पूरे करने का जश्न मनाने जा रही है। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार एनडीए के घटक दलों को जश्न से दूर रखने की योजना पर काम कर रही है।
सत्ता में आने से पूर्व भाजपा ने कईं बड़े वादे जनता से किए थे। जिनमें हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया गया था। विदेशों से कालाधन लाकर हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये जमा करने की बात कही गई थी। हालांकि सत्ता में आने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसे एक जुमला करार दिया था।
इसके अलावा 100 नये स्मार्ट सिटी, हर सिर पर छत और किसान को उसकी उपज 50 फीसदी मुनाफा जैसे वादे किए थे। इसी तरह विदेश नीति के मोर्चे पर भी भारत का डंका बजाने की बात थी। पाकिस्तान पर नकेल डालने का भरोसा भी मोदी सरकार ने दिया था।
आज 3 साल बाद इन वादों के आईने में मोदी सरकार का प्रदर्शन क्या उम्मीद के मुताबिक रहा है। अब जिस तरह के ब्यौरे सामने आ रहे हैं, कहा जा सकता है, रोजगार देने में मोदी सरकार का प्रदर्शन बहुत काबिले तारीफ नहीं रहा है।
कालेधन और लोगों के खाते में 15 लाख को लेकर कहने की जरूरत नहीं, हकीकत सबके सामने है। इसी तरह विदेश नीति के मोर्चे पर चर्चा तो बहुत हुई, लेकिन ठोस कामयाबी कम ही हाथ लगी। पाकिस्तान को छोड़िये चीन से जिस तरह की चुनौती मिल रही है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत को विदेश नीति पर काफी काम करने की जरूरत है।