महाराष्ट्र के पश्चिमी विदर्भ में अकोला के जिलाधिकारी जी श्रीकांत ने अपने चालक दिगंबर ठाक को उस समय सुखद आश्चर्य दिया जब उन्होंने ठाक के काम के आखिरी दिन अपने सरकारी वाहन पर बैठाकर उसे कार्यालय तक लेकर गए। ठाक राजस्व विभाग में 33 साल से अधिक समय तक चालक के तौर पर काम करने के बाद गुरवार को सेवानिवृत्त हुए। अपने दैनिक कार्यक्रम के अनुसार ठाक सुबह कार्यालय ले जाने के लिए श्रीकांत के आधिकारिक आवास पर पहुंचे। लेकिन ठाक को तब सुखद आश्चर्य हुआ जब उन्होंने कार को फूलों से सजा हुआ देखा। ठाक उस समय भौंचक्के होते हुए अभिभूत हो गए जब आईएएस अधिकारी ने उन्हें कार पर बैठाकर खुद वाहन चलाकर कार्यालय पहुंचाने की पेशकश की। श्रीकांत ने उनसे कहा कि यह उनकी विदाई का तोहफा है। इसपर ठाक ने अधिकारी से अनुरोध किया कि वह अपना फैसला बदल लें लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। श्रीकांत ड्राइविंग सीट पर बैठे और ठाक को पिछली सीट पर बिठाया।
अपने अधिकारी से मिले सम्मान से भावुक ठाक ने कहा, अपनी भावनाओं का इजहार करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं महसूस करता हूं कि अपनी सेवा के दौरान मैंने कुछ सार्थक काम किया है, जिसकी वजह से मुझे यह सम्मान हासिल हुआ। सेवा के दौरान ठाक ने कई बॉस देखे, लेकिन 31 वर्षीय श्रीकांत से वह अभिभूत हैं। श्रीकांत 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जो कर्नाटक के रहने वाले हैं। ठाक उनके साथ पिछले डेढ़ वर्षों से काम कर रहे हैं।