वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद अब देश के कई राज्यों में डेंगू और मच्छरजनित बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। इससे निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव कोशिश की जा रही है। इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक, डॉ बलराम भार्गव ने गुरुवार को कहा है कि डेंगू का टीका एक "महत्वपूर्ण एजेंडा" बन गया है और सरकार विस्तृत परीक्षणों पर काम कर रही है।
कोविड -19 स्थिति पर चल रही एक प्रेस वार्ता में एक सवाल का जवाब देते हुए, उन्होंने कहा, "डेंगू की वैक्सीन एक बहुत ही महत्वपूर्ण एजेंडा है। हम इसे बहुत सावधानी से देख रहे हैं। कुछ डेंगू स्ट्रेन हैं जिन्हें भारत में कुछ कंपनियों को लाइसेंस दिया गया है। इनमें से कई कंपनियों ने विदेश में अपना पहले चरण का ट्रायल कर लिया है। उन्होंने कहा," हम डेंगू वैक्सीन के साथ और ज्यादा परीक्षण की योजना बना रहे हैं।"
राज्यों में बढ़ते डेंगू मरीज
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू के सितंबर में कुल 149 मामले सामने आए हैं । 18 सितंबर को केंद्र सरकार ने एक उच्चस्तरीय बैठक की जिसमें डेंगू के मामलों पर गहन विचार विमर्श किया गया।
आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरुण कुमार श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि इस वक्त 171 मामले हैं। 48 पॉजिटिव मरीजों का उपचार चल रहा है। अभी तक यहां डेंगू से केवल एक मरीज की ही मौत दर्ज की गई है, अन्य मौतें वायरल फीवर की वजह से हो रही हैं।
अलीगढ़ में डेंगू के अलावा बुखार के मरीजों की भी संख्या तेजी से बढ़ रही है। गुरुवार को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के आंकड़ों के मुताबिक यहां अपना इलाज कराने कुल 150 लोग पहुंचे थे। इसके बाद 60 मरीज दवा लेकर घर चले गए बाकियों का इलाज चल रहा है।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी डेंगू ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बुधवार को यहां चार और व्यक्तियों में डेंगू की पुष्टि की गई। जिले में अब तक डेंगू के 33 मामले आए हैं, जिनमें 60 फीसदी से अधिक मामले सितंबर महीने में सामने आए।