इंडिया काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने बताया कि कोविड-19 के कम से कम तीन मरीज ऐसे हैं जिनका कोई यात्रा इतिहास नहीं है। वहीं 10 प्रतिशत लोग गंभीर तीव्र श्वसन संबंधी बीमारी (SARI) वाले हैं जिन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया। हालांकि आईसीएमआर का कहना है कि अभी कम्युनिटी संक्रमण का खतरा नहीं है।
आईसीएमआर के वैज्ञानिक आर गंगाखेडकर ने कहा कि 110 लोगों में से जिन्हें एसएआरआई के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया उनमें से लगभग 11 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। उन्होंने आगे बताया, "इसके अलावा, इनमें से तीन मरीज़, जो चेन्नई, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के हैं उनका कोई यात्रा इतिहास नहीं है और न ही किसी संक्रमित मरीज से कोई संपर्क है।"
'कम्युनिटी संक्रमण का ठोस आधार नहीं'
उन्होंने कहा कि ये कुछ मामले कम्युनिटी संक्रमण के लिए ठोस सबूत का आधार नहीं है। यह भारत में शुरू नहीं हुआ है और घबराने की कोई बात नहीं है। लोगों को किसी भी संकट से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए।
150 से अधिक लैब में परीक्षण
उन्होंने कहा, "हमने पूरे भारत में मामलों केे परीक्षण और ट्रेसिंग की अपनी क्षमता को मजबूत किया है। अब तक 150 से अधिक (सरकारी और निजी प्रयोगशालाएं) covid19 की जांच कर रही हैं।"
सेल्फ टेस्ट किट अभी नहीं
हालांकि, गंगाखेड़कर ने कहा कि उचित दिशानिर्देशों के अभाव में, यदि सेल्फ टेस्ट किट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराए जाते हैं, तो लोगों में घबराहट और अराजकता पैदा होने की संभावना है। उन्होंने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों के व्यवहार का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है और वे अधिकारियों से संपर्क करने से बच सकते हैं।"
बता दें कि भारत में कोविड-19 के 900 से अधिक पुष्ट मामले सामने आए हैं और अब तक घातक वायरस के कारण 19 लोगों की मौत हो चुकी है।