मुख्य चुनाव आयुक्त एच एस ब्रह्मा ने कहा, ‘हमें वाकई खेद है कि आदर्श आचार संहिता को सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है।‘ देश के सभी राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू करने में एकसमानता नहीं है। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता के कार्यान्वयन में एकसमानता और सख्ती होनी चाहिए।
चुनाव आयोग के अधिक सख्त होने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि एजेंसी आदर्श आचार संहिता का निश्चित कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा, सभी राजनैतिक दल सितंबर-अक्तूबर तक अपना बैलेंस शीट सौंपते हैं। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम उन्हें नोटिस जारी करते हैं। साथ ही अगर चंदा 20 हजार रुपये से कम हो तो धन के स्रोतों का उल्लेख करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
चुनाव सुधारों की बात करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ब्रह्मा बोले कि कोई भी सकारात्मक नतीजा हासिल करने के लिए राजनैतिक सुधारों के साथ इसे लागू किया जाना चाहि। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि विधि आयोग की रिपोर्ट में चुनाव आयोग के करीब-करीब 95 फीसदी सुझावों को शामिल किया गया है और अगर सरकार उन्हें स्वीकार करती है तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होनेम कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि मीडिया कुछ अनुशासन बरते। सही तस्वीर पेश करना और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ को बाहर लाना जिम्मेदारी है। मैं मीडिया (पत्रकारों) पर दोषारोपण नहीं करता हूं लेकिन प्रबंधन सख्त होना चाहिए। उनका कहना है कि भारतीयों और कंपनियों से चंदा लेने पर कोई रोक नहीं है लेकिन ऐेसे एनआरआई जो इस देश में कानूनी रूप से मतदाता हैं, उनके अलावा विदेश से चंदा लेने की अनुमति नहीं है।