भारत खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने चीन और बांकी देशों के बाद भारत में बढ़ रहे कोरोना वायरस के खतरों के मद्देनजर गुरुवार एक एडवाइजरी जारी की है। एफएसएसएआई ने कहा है कि कोरोना वायरस प्रभावित देशों से आने वाला खाद्य पदार्थ लोगों के खाने के लिए सुरक्षित हैं। लेकिन, अधपके मांस और कच्चे खाद्य उत्पादों को खाने के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए।
आगे एफएसएसएआई की तरफ से कहा गया है कि इस वायरस की जांच के लिए गठित समिति को कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाया है। बता दें, भारत में कोरोनावायरस के 30 मामलों की पुष्टी हो चुकी है।
‘पके हुए पशुओं का मांस खाना सुरक्षित’
बता दें, कोरोना वायरस मुख्य रूप से श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। साथ ही यह छींकने, खाँसी करने, दूषित हाथों और सतहों पर बूंदों के माध्यम से एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैलता है। गठित समिति ने कहा है कि तले हुए पदार्थ सहित पके हुए पशुओं का मांस खाना सुरक्षित है। एहतियात के तौर पर समिति ने कच्चे या अधपके मांस के साथ-साथ रॉ खाद्य उत्पादों के सेवन से बचने की सलाह दी है। एफएसएसएआई ने कहा है कि कच्चे फलों और सब्जियों के सेवन से पहले उसे अच्छी तरह से धोकर ही खाना चाहिए।
चिकन, मटन खाने से नहीं फैलता: एफएसएसएआई
एफएसएसएआई ने कहा, " वह स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखे हुए है। समिति अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और वैज्ञानिकों के साथ निगरानी कर रही है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाया जाएगा। प्रमुख जी एस अयंगर ने कहा कि अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कोरोनोवायरस चिकन, मटन खाने से फैलता है। उन्होंने कहा कि यह वायरस उच्च तापमान में जीवित नहीं रहेगा।
मुगल गार्डेन 7 मार्च से बंद
वहीं, इस वायरस की वजह से राष्ट्रपति भवन की तरफ से कहा गया है कि मुगल गार्डन को शनिवार से जनता के लिए बंद कर दिया जाएगा। साथ ही गुरुवार को सरकार ने राज्यों से जिला, ब्लॉक और गांव के स्तर पर तेजी से एक्शन टीमों का गठन करने के लिए कहा है।