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भारत ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच की सीजफायर की अपील, कहा- 'मानवीय सहायता राजनीति से परे'

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत हरीश पार्वथानेनी ने बुधवार को न्यूयॉर्क में...
भारत ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच की सीजफायर की अपील, कहा- 'मानवीय सहायता राजनीति से परे'

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत हरीश पार्वथानेनी ने बुधवार को न्यूयॉर्क में "फिलिस्तीन के प्रश्न का शांतिपूर्ण समाधान और दो-राज्य समाधान के कार्यान्वयन" पर उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में एक बयान देते हुए इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के लिए दो-राज्य समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया, और पक्षों को एक साथ लाने के लिए उद्देश्यपूर्ण बातचीत और कूटनीति का आग्रह किया।

उन्होंने गाजा में गंभीर मानवीय स्थिति पर प्रकाश डाला, जहां हजारों लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं, चिकित्सा सुविधाएं क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गई हैं, तथा बच्चे 20 महीने से अधिक समय से स्कूली शिक्षा से वंचित हैं।

हरीश ने कहा कि जीवन को बचाए रखना राजनीति और संघर्ष के किसी भी दायरे से परे है। उन्होंने भारत के इस रुख़ को दोहराया कि तत्काल युद्धविराम होना चाहिए।

उन्होंने कहा, "जीवन को बनाए रखने के लिए मानवीय सहायता अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे राजनीति या संघर्ष के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए...भारत ने भी अल्पावधि में उठाए जाने वाले कदमों पर अपनी राय स्पष्ट कर दी है - तत्काल युद्धविराम, निरंतर और निर्बाध मानवीय सहायता, सभी बंधकों की रिहाई, और बातचीत एवं कूटनीति का रास्ता। इन उपायों के अलावा कोई विकल्प नहीं है।"

उन्होंने कहा, "हम सभी मित्र देशों के प्रयासों की सराहना करते हैं जिन्होंने दोनों पक्षों के बीच ऐसे उपायों को संभव बनाया है।"

राजदूत हरीश ने मानवीय सहायता स्तंभ पर तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया, ताकि बिना किसी बाधा या राजनीतिकरण के गाजा में भोजन, ईंधन और बुनियादी आवश्यकताओं सहित निर्बाध सहायता प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने कहा, "अब हमारे प्रयास इस बात पर केंद्रित होने चाहिए कि कैसे उद्देश्यपूर्ण वार्ता और कूटनीति के माध्यम से दो-राज्य समाधान लाया जाए, और संघर्ष में शामिल पक्षों को एक-दूसरे के साथ सीधे संपर्क में लाया जाए... मानवीय सहायता स्तंभ हमारे तत्काल ध्यान और कार्रवाई की मांग करता है।"

उन्होंने कहा, "गाजा में मानवीय पीड़ा निरंतर जारी है। हजारों लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं। कई चिकित्सा सुविधाएं क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गई हैं। बच्चे 20 महीने से अधिक समय से स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। मानवीय सहायता बिना किसी बाधा के प्रवाहित होनी चाहिए।"

उन्होंने कहा, "गाजा में फिलीस्तीनियों को बिना किसी बाधा के भोजन, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुएं मिलनी चाहिए।"

भारत ने तत्काल युद्धविराम, निरंतर मानवीय सहायता, सभी बंधकों की रिहाई, और बातचीत व कूटनीति को ही आगे बढ़ने का एकमात्र व्यावहारिक रास्ता बताया है। 

राजदूत हरीश ने फ़िलिस्तीनियों के जीवन में ठोस बदलाव लाने वाले व्यावहारिक समाधानों को प्राप्त करने में योगदान देने के लिए भारत की तत्परता दोहराई और सम्मेलन से उभरे कार्य-बिंदुओं पर आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा, "भारत मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता की प्रबल इच्छा रखता है। इसके लिए स्थायी समाधान आवश्यक हैं। सम्मेलन से कुछ कार्य-बिंदु उभरकर सामने आ रहे हैं। इन पर अमल करना महत्वपूर्ण है।"

उन्होंने कहा, "हमें केवल कागजी समाधानों से संतुष्ट नहीं होना चाहिए, बल्कि ऐसे व्यावहारिक समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए जो वास्तव में हमारे फ़िलिस्तीनी भाइयों और बहनों के दैनिक जीवन में ठोस बदलाव लाएँ। भारत इस नेक प्रयास में योगदान देने के लिए अपनी पूरी तत्परता व्यक्त करता है।" 

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