पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को करोड़ाें रुपये का चूना लगाकर देश से भागे हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी को हिरासत में लेने का आग्रह भारत ने एंटीगुआ से किया है। सूत्रों ने बताया कि कैरेबियाई देश में उसके होने की खबर आने के बाद से दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में हैं।
सूत्रों ने बताया चौकसी के एंटीगुआ में होने की सूचना मिलते ही जॉर्जटाउन स्थित भारतीय उच्चायोग ने वहां की सरकार को लिखित और मौखिक, दोनों ही रूपों में अलर्ट किया है कि वह अपने क्षेत्र में मेहुल की स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही उसे हिरासत में ले और जल, जमीन या हवा, किसी भी माध्यम से उसकी आवाजाही पर अंकुश लगाएं।
बीते हफ्ते चौकसी के अमेरिका से एंटीगुआ भागने की खबर आई थी। बाद में उसने एक बयान जारी कर कहा था कि एंटीगुआ ऐंड बरबुडा सरकार के इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम के तहत उसने पिछले साल नवंबर में कानूनी तरीके से नागरिकता हासिल की थी। कैरेबियाई देश में निवेश की उसकी योजनाओं को देखते हुए उसे नागरिकता दी गई।
उल्लेखनीय है कि निवेश करने पर एंटीगुआ विदेशी नागरिकों को दोहरी नागरिकता देता है। एंटीगुआ का पासपोर्ट मिलने के बाद ऐसे व्यक्ति 132 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। बयान में चौकसी ने धोखाधड़ी के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा थ्ाा कि वह इलाज के लिए इस साल जनवरी में अमेरिका गया था और एंटीगुआ में स्वास्थ्य लाभ ले रहा है।
उसके बयान से जाहिर होता है कि उसे पता था कि पीएनबी कर्मचारी गोकुलनाथ शेट्टी के रिटायर होते ही उसकी धोखाधड़ी सामने आ जाएगी और इससे बचने के लिए उसने पहले से ही योजना बना रखी थी। जनवरी में घोटाला सामने आने से पहले ही चौकसी और उसका भांजा नीरव मोदी देश से भाग गए थे। पीएनबी में 13,400 करोड़ रुपये की घोखाधड़ी को लेकर मामा-भांजे के खिलाफ ईडी और सीबीआई जांच कर रही है।