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भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है: इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ

भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान 3 की सफलता के बाद से ही इसरो सुर्खियों में है। देश और पूरे विश्व में इसरो और...
भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है: इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ

भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान 3 की सफलता के बाद से ही इसरो सुर्खियों में है। देश और पूरे विश्व में इसरो और सारे वैज्ञानिकों की तारीफें हो रही हैं। अब भारत की क्षमता पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है।

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने आगे कहा कि इसरो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखे गए दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है, लेकिन हमें अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है। हमें अधिक निवेश की जरूरत है। अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास होना चाहिए और इसके द्वारा पूरे देश का विकास होना चाहिए, यही हमारा मिशन है।"

सोमनाथ ने शनिवार रात तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ''पीएम मोदी ने हमें जो विजन दिया था, हम उसे पूरा करने के लिए तैयार हैं।'' इससे पहले, शनिवार को बेंगलुरु में इसरो मुख्यालय पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोरदार स्वागत किया गया था। इस दौरान उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों की टीम से मुलाकात की, जो देश के तीसरे चंद्र मिशन में शामिल थे।

पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की कि चंद्रमा पर चंद्रयान -3 की लैंडिंग को चिह्नित करने के लिए 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा। साथ ही चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर के टचडाउन स्थान को अब से 'शिव शक्ति', जबकि चंद्रयान -2 चंद्र लैंडिंग बिंदु को 'तिरंगा' प्वाइंट कहा जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा, "यह भारत द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए एक प्रेरणा होगी। यह हमें याद दिलाएगा कि कोई भी विफलता अंतिम नहीं होती।" इस मौके पर पीएम मोदी ने इसरो की महिला वैज्ञानिकों के साथ भी बातचीत की, जो 'चंद्रयान -3' परियोजना में शामिल थीं, और भारत के पहले चंद्र लैंडिंग मिशन के सफल समापन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।

बता दें कि भारत बुधवार शाम को चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडर स्थापित करने वाला पहला देश बन गया।

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