नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली छह दिन के राजकीय दौरे पर कल शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे थे। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री ओली का हैदराबाद हाउस में स्वागत किया। मोदी और ओली ने बातचीत के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं का जायजा लिया। सू़त्रों के अनुसार, उन्होंने राजनीतिक मुद्दों, पुनर्निर्माण सहयोग, दक्षेस उपग्रह और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम माने जाने वाले समझौतों पर हस्ताक्षर किए। बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया जिसमे दोनों ही नेताओं ने बातचीत को बहुत सफल बताया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि नेपाल के संविधान की सफलता आम सहमति और संवाद पर निर्भर करेगी। नेपाल के प्रधानमंत्री ओली के साथ बातचीत के बाद मोदी ने कहा कि नेपाल में शांति, स्थिरता, समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है। वहीं नेपाली प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच विगत कुछ महीनों से जो गलतफहमियां बन रही थीं, अब खत्म हो गई हैं।
पिछले साल अक्तूबर में नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत भारत पहुंचे ओली के साथ 77 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है। यात्रा के तहत नेपाल के नए संविधान से जुड़े मुद्दों से प्रभावित हुए दोनों देशों के संबंधों को सुधारने पर मुख्य ध्यान दिया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दोनों नेताओं की तस्वीर डालते हुए ट्विटर पर लिखा, भविष्य की तरफ तेज कदम बढ़ाते हुए। इससे पहले नेपाली प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया जहां मोदी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री स्तर की बातचीत से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ओली से मुलाकात की। इस दौरान ओली ने उनसे कहा कि नेपाल भारत का एक भरोसेमंद दोस्त है और हमेशा बना रहेगा। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ओली ने सुषमा से कहा कि वह संबंधों में आगे बढ़ना चाहते हैं जो मानवनिर्मित नहीं हैं बल्कि पूरी तरह से प्रकृति निर्मिर्त एवं सभ्यतागत हैं। सुषमा ने कहा कि ओली की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच विश्वास गहरा होगा। जानकारी के अनुसार सुषमा और ओली ने नेपाल में भूकंप के बाद जारी पुनर्निर्माण कार्यों पर भी चर्चा की। नेपाल में पिछले साल अप्रैल में भीषण भूकंप आया था जिससे जानमाल की व्यापक क्षति हुई थी।
ऐसी संभावना है कि भारत नेपाल से मधेसी समुदाय की चिंताओं पर ध्यान देते हुए संविधान को ज्यादा समावेशी बनाने का अपूर्ण काम पूरा करने के लिए कहेगा। मधेसी समुदाय के भारतीयों के साथ करीबी पारिवारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। नेपाल के संविधान के विरोध में मधेसियों के आंदोलन की वजह से दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए थे। मधेसियों का कहना है कि संविधान उनके प्रतिनिधित्व और उनके गृह क्षेत्र से जुड़ी उनकी चिंताओं पर ध्यान देने में नाकाम रहा है।