अधिकारी के मुताबिक नेपाल में बड़ी संख्या मधेशियों की है और सरकार को उनकी मांगों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे भारत सरकार का मधेशी आंदोलन को साथ मिलता रहेगा। हालांकि आधिकारिक तौर पर भारत नेपाल के बारे में खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है लेकिन जो स्थितियां हैं उसे देखते हुए मधेशियों के आदोंलन को भारत का समर्थन मिला हुआ है।
इधर संकट को देखते हुए नेपाल सरकार ने चीन से तेल व अन्य जरूरी सामानों का आयात करना शुरू कर दिया है लेकिन इससे भारत पर किसी तरह का फर्क पड़ने वाला नहीं है। नया संविधान बनने के बाद से मधेशी नेपाल में अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में 60 से अधिक मधेशियों की जान भी जा चुकी हैं। हाल ही नेपाल पुलिस की गोली से बिहार निवासी एक युवक की मौत हो गई थी उसके बाद आंदोलन और भी उग्र हो गया। मधेशी भारत के साथ लगे सीमाई तराई क्षेत्र में रहने वाले भारतीय मूल के लोग हैं जो नेपाल को सात प्रांतों में बांटे जाने का विरोध कर रहे हैं।
मधेशियों का कहना है कि भारत के साथ जो बेटी रोटी का रिश्ता रहा है उसे बरकरार रखा जाए। लेकिन नए संविधान में मधेशियों को वे बातें नहीं मिली। सोशल रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष रामबाबू यादव आउटलुक से कहते हैं कि नेपाल सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए है। जब तक सरकार उनकी बातें नहीं मानती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। गौरतलब है कि आंदोलन के चलते भारत से जरूरी सामानों की आपूर्ति नेपाल को नहीं हो पा रही है। ऐसे में नेपाल में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। नेपाल सरकार इस संकट से निकलने के लिए चीन से मदद मांग रही है।