पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत आने का न्योता भेजा जाएगा। इस साल के आखिर में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मेजबानी भारत करेगा, लिहाजा सदस्य देश के राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते मोदी सरकार इमरान खान को भी इस बैठक में शामिल होने के लिए न्योता भेजेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने इसकी पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सभी आठ देशों और चार पर्यवेक्षकों को इस बैठक में आमंत्रित किया जाएगा।
बता दें कि दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) के बीच बातचीत बंद होने के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा, जब इमरान खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी एक कार्यक्रम में साथ आ सकते हैं।
आमतौर पर एससीओ में सरकारों के प्रमुखों की मीटिंग में विदेश मंत्री हिस्सा लेते हैं। हालांकि, कुछ देशों के प्रधानमंत्री भी इसमें हिस्सा लेते हैं। भारत की बात की जाए तो उसकी तरफ से सरकारों के प्रमुखों की बैठक में विदेश मंत्री हिस्सा लेते हैं, जबकि एससीओ राष्ट्रप्रमुखों की मीटिंग में प्रधानमंत्री शिरकत करते हैं। क्योंकि पाकिस्तान भी एससीओ का सदस्य है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उसकी तरफ से कौन भारत आता है।
भारत करेगा एससीओ परिषद के प्रमुखों की बैठक की मेजबानी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने गुरुवार को कहा, 'एससीओ के स्थापित अभ्यास और प्रक्रिया के तहत सभी आठ सदस्य, चार ओवरसीज स्टेट्स और दूसरे अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों को आमंत्रित किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि यह अब सावर्जनिक जानकारी है कि भारत इस साल के आखिर में एससीओ परिषद के प्रमुखों की बैठक की मेजबानी करेगा। यह बैठक प्रधानमंत्री के स्तर पर हर साल आयोजित की जाती है और इसमें एससीओ के कार्यक्रम और बहुपक्षीय आर्थिक और व्यापार सहयोग पर चर्चा की जाती है।
ये होंगे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के सदस्य
चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गीस्तान, रूस, पाकिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान एससीओ के सदस्य हैं। इसके अलावा चार ओवरसीज स्टेट्स में अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया शामिल है। इसका गठन साल 2011 में हुआ था। साल 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने।
महीनों से इस बैठक पर लगाई जा रही हैं अटकलें
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि महीनों से इस बैठक पर अटकलें लगाई जा रही हैं, जब पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिले थे, तो उन्होंने ट्रंप को भारत आने के लिए आमंत्रित किया था। दोनों देश इस बारे में संपर्क में हैं। जब भी हमें ठोस जानकारी मिलेगी हम आपके साथ साझा करेंगे।
चीन को वैश्विक आम-सहमति के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए
यूएनएससी में कश्मीर का मुद्दा उठाने के चीन के प्रयास पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा परिषद का बहुमत के साथ विचार है कि इस तरह के मुद्दों के लिए यह सही मंच नहीं है। कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन को वैश्विक आम-सहमति के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और भविष्य में इस तरह की कार्रवाई से बचना चाहिए।
अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव
5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 और 35ए को हटा दिया था। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ व्यापारिक और राजनयिक रिश्तों को बेहद कमजोर कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) की जम्मू-कश्मीर सीमा पर तनाव बढ़ गया था। भारतीय सेना ने सीमा पर सैन्य बल भी बढ़ा दिया था।