प्रकाश स्तम्भ एवं प्रकाशपोत महानिदेशालय (डीजीएलएस) ने कन्नूर से कुछ किलोमीटर दूर पयालमबलम समुद्री तट पर ऐतिहासिक कन्नूर लाइटहाउस के निकट एक लाइटहाउस संग्रहालय स्थापित किया है।
कन्नूर लाइटहाउस इतिहास की कई अहम घटनाओं का गवाह रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नया लाइटहाउस संग्रहालय इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के लिए काफी रूचिकर होगा।
प्रकाश स्तंभ और प्रकाशपोत महानिदेशक कप्तान ए एम सुरेज ने पीटीआई-भाषा से कहा, यह देश में चौथा ऐसा लाइटहाउस संग्रहालय है। अलाप्पुझा, चेन्नई और महाबालीपुरम में पहले ही इस प्रकार के संग्रहालय स्थापित किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि महानिदेशालय की लाइटहाउस पर्यटन को प्रोत्साहित करने की योजना के तहत यह संग्रहालय विकसित किए गए हैं। उन्होंने कहा, इन लाइसहाउस संग्रहालयों के माध्यम से हम लाइटहाउस की विरासत और इसके महत्वपूर्ण इतिहास को बरकरार रख सकते हैं और इसे आगामी पीढि़यों को दे सकते हैं।
सुरेज ने कहा कि हिंदी, अंग्रेजी और मलयालयम भाषा में बनी एक लघु फिल्म पर्यटकों को देश के लाइटहाउस के इतिहास के बारे में जानकारी देगी। उन्होंने बताया कि कन्नूर लाइटहाउस संग्रहालय के निर्माण में करीब दो करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। संग्रहालय का निर्माण गत वर्ष शुरू हो गया था।
अधिकारी ने कहा, हमारी इस माह के अंत में लाइटहाउस संग्रहालय को यात्रियों के लिए खोलने की योजना है। हमें उम्मीद है कि यह इलाके में पर्यटकों के आकर्षण का एक बड़ा केंद्र बन जाएगा।