इंदौर में मंदिर की बावड़ी की छत गिरने से मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 35 हो गई।
इंदौर शहर के एक मंदिर में गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान प्राचीन बावड़ी या कुएं के ऊपर बना स्लैब ढह गया।
जिला कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने संवाददाताओं से कहा कि बावड़ी से अब तक 35 शव बरामद किए जा चुके हैं।
पटेल नगर में जिस बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में त्रासदी हुई थी, उसका निर्माण करीब चार दशक पहले कुएं को ढककर किया गया था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “इंदौर में हुई दुर्घटना में नागरिकों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुःखद और हृदय विदारक है। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की क्षमता प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दु:ख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जायेगी। घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जा चुकी है। चिकित्सा का संपूर्ण व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी।’’
अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के संकरी जगह में बने होने के कारण बचाव कार्य में बाधा आई और इस दौरान मंदिर की एक दीवार तोड़ कर पाइप इसके भीतर डाला गया और बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी और छत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी।