प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को ‘अन्यायपूर्ण और एकतरफा’ करार देते हुए कहा कि सिंधु नदी के जल पर भारत और उसके किसानों का एकमात्र अधिकार है।
मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि इस संधि ने भारत में कृषि को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने इस समझौते को जारी रखने की निरर्थकता को रेखांकित किया है।
मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि इस संधि ने भारत में कृषि को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने इस समझौते को जारी रखने की निरर्थकता को रेखांकित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।’’
उन्होंने कहा कि इस संधि की वजह से सिंधु के जल से ‘‘हमारे दुश्मनों के खेतों की सिंचाई होती है, जबकि मेरे देश की धरती और मेरे देश के किसान प्यासे रहते हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘भारत का जो पानी है, उसका इस्तेमाल भारत के लिए होगा, सिर्फ भारत के किसानों के लिए होगा और हम अब ऐसी व्यवस्था बर्दाश्त नहीं करेंगे जो अपने किसानों को वंचित रखे।’’ उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत भारत के किसानों को दशकों तक ‘अकल्पनीय नुकसान’ उठाना पड़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत दशकों से इसे सहन करता आ रहा है। हम इसे और सहन नहीं करेंगे। हमारे किसानों के हित में, राष्ट्र के हित में, यह समझौता हमें अस्वीकार्य है।’’ भारत ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद दशकों पुरानी इस संधि को निलंबित करने का फैसला लिया था। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश में पैदा हुए आक्रोश की अभिव्यक्ति है और इस अभियान से पाकिस्तान में ऐसी तबाही हुई है कि उसकी नींद उड़ी हुई है। उन्होंने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि अब भारत ‘न्यूक्लियर ब्लैकमैल’ नहीं सहेगा। मोदी ने कहा, ‘‘आज मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के वीर जाबांजों को सलामी देने का अवसर मिला है। हमारे जाबांज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पार से आए आतंकवादियों ने पहलगाम में जिस तरह से कत्लेआम किया, उससे पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था और पूरा विश्व भी चौंक गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।’’