राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(एनएसए) अजीत डोभाल ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने के लिए कहा और साथ ही पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों को आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने आम लोगों के जान-माल-सम्मान की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए भी कहा।
अपनी बैठकों के दौरान एनएसए ने लोगों के लिए विकास संबंधी योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों से उनके शीघ्र कार्यान्वयन के लिए कहा। इनमें बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना, कश्मीर से सेब के बक्से का लदान और कृषि और शिक्षा क्षेत्रों में मदद करना शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि आतंकवाद रोधी अभियानों को तेज करने के लिए उन्होंने घाटी के कुछ हिस्सों में सक्रिय प्रमुख आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए कहा, ताकि वे आम लोगों को डराने की स्थिति में न हों।
‘नागरिकों और उनकी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचे’
एनएसए ने आगाह किया कि आतंक विरोधी अभियानों के दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नागरिकों अथवा उनकी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने यह निर्देश उस रिपोर्ट के बाद दिए जिसमें बताया गया था कि आतंवादी नागरिकों और सेब उत्पादकों में भय पैदा कर नागरिक कर्फ्यू लागू करने की कोशिश कर रहे हैं।
एनएसए डोभाल ने यह निर्देश जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में परिवर्तित करने की कार्ययोजना और वादी में अलगाववादियों और आतंकियों द्वारा जबरन लागू कराए जा रहे बंद को नाकाम बनाने की रणनीति का एक उच्चस्तरीय बैठक में जायजा लेते हुए दिए। इसके बाद कश्मीर का दो दिवसीय दौरा पूरा कर डोभाल दिल्ली लौट गए।
पांच अगस्त के फैसले के बाद घाटी की दूसरी यात्रा
केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त को राज्य में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के ऐलान के बाद डोभाल की घाटी की यह दूसरी यात्रा है। अपने पहले दौरे में डोभाल ने 11 दिन घाटी में डेरा डाला था।