शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेस सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर बुढ़ापा पेंशनधारकों को परेशान करने और डराने के लिए निंदा करते हुए कहा है कि सभी लाभार्थियों को कवर करने के लिए पेंशन सूचियों को बढ़ाने की बजाय मनमाने ढ़ंग से कांट-छांट की जा रही है।
पूर्व मंत्री सरदार सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सरकार ने बुढ़ापा पेंशन बढ़ाकर 2500 रूपये प्रतिमाह करने की अपने वादे से न केवल भागी है बल्कि अब पेंशन सूची में कांट-छांट की गई थी ताकि पेंशन राशि 200 रूपये प्रति माह बढ़ाए जाने के बाद योजना के तहत् परिव्यय को सुनिश्चित किया जा सके।
मलूका ने कहा कि लगभग 2000 पेंशनरों को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस की निंदा करते हुए कहा कि इससे पहले सरकार ने 70हजार लाभार्थियों से बुढ़ापा पेंशन का लाभ वापिस ले लिया था। इन कदमों को गरीब विरोधी तथा मानवता विरोधी बताते हुए सरदार मलूका ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में वापिस लिए गए सभी पेंशनभोगियों को तत्काल बहाल किया जाए। उन्होने कहा,‘ महामारी के दौरान लोगों के साथ ऐसा व्यवहार करने का यह कोई नया तरीका नही है’ इस फैसले से प्रभावित वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
अकाली नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पंजाब में सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा शुरू की योजनाओं जैसे शगुन स्कीम और ‘आटा-दाल, योजना सहित सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को नामात्र कर दिया है। उन्होने कहा कि इससे पहले सरकार ने लाखों नीले कार्ड धारकों के नाम काट दिए थे जो विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों के तहत आटा-दाल योजना का लाभ उठाने में सक्षम थे। उन्होने कहा कि इसी तरह शगुन योजना के लाभार्थियों, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की नवविवाहित लड़कियां शामिल थी के बच्चे भी हो गए हैं तथा उन्हे अभी तक ‘शगुन ’ जो उनकी शादी के समय दी जाना था अभी तक नही दिया गया है।