कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की सेहत के संबंध में अफवाहों को रोकने के लिए कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई हैं। सोशल मीडिया में इस प्रकार की खबरें आईं कि 90 वर्षीय गिलानी का स्वास्थ्य बिगड़ गया है।
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि सोशल मीडिया में इस प्रकार की खबरें आईं कि 90 वर्षीय गिलानी का स्वास्थ्य बिगड़ गया है, जिसके बाद बुधवार रात को मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।
संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती
कानून व्यवस्था बनाए रखने और किसी अप्रिय स्थिति के बचने के लिए कश्मीर के संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। गिलानी के परिवार ने कहा है कि गिलानी कुछ समय से बीमार हैं लेकिन उनकी हालत स्थिर है।
हुर्रियत ने जारी किया बयान
दो पन्नों के एक बयान में हुर्रियत ने घोषणा की कि गिलानी (90) ने हाल ही में मजार-ए-शुहदा ईदगाह श्रीनगर में दफन होने की इच्छा व्यक्त की है। हुर्रियत, जिसका मुजफ्फराबाद और इस्लामाबाद में कार्यालय है, ने घाटी के लोगों से नेता के प्रति सम्मान और अंतिम संस्कार (अगर इंतकाल होता है तो) में शामिल होने की अपील की।
लिखित बयान में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों से गिलानी की छाती में संक्रमण चल रहा है।
पुलिस ने क्या कहा?
श्रीनगर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "गिलानी की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में घाटी में अफवाहें हैं। देर रात तक कुछ भी प्रतिकूल नहीं बताया गया है। हम स्थिति का जायजा ले रहे हैं।"
कौन है गिलानी?
सबसे वरिष्ठ हुर्रियत नेता के तौर पर जाना जाने वाला गिलानी पहले जमात-ए-इस्लामी कश्मीर का सदस्य था, लेकिन बाद में तहरीक-ए-हुर्रियत के नाम से अपनी पार्टी की स्थापना की। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी दलों के समूह, ऑल पार्टीज हुर्रियत (स्वतंत्रता) कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। गिलानी 1972 में सोपोर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने और 1977 और 1987 में एक ही निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनावों में जीते।