कविता ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अरविंद केजरीवाल के बयान को महिला विरोधी करार दिया है। उनका कहना है कि केजरीवाल ने इस मौके पर पुरुषवादी बयान देकर महिला दिवस और महिलाओं के संघर्ष का मजाक बनाया है।
कविता ने केजरीवाल के उस बयान पर नाराज़गी जताई है जिसमें उन्होंने महिला दिवस के मौक़े पर अपनी मां और पत्नी के घर के काम करने को अहमियत दी है। उनका कहना है कि इस तरह के बयान महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रहों को और मजबूत करते हैं और पितृसत्तात्मक सोच को बढ़ावा देते हैं।
केजरीवाल ने कहा था कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान उनकी पत्नी और मां ने घर संभाला था और उनका सहयोग किया था। इससे लगता है कि पुरुष ही नेतृत्व करते हैं और महिलाएं उस पुरुष के घर का काम करेंगी जो नेतृत्व कर रहा हो। कविता ने आप की कैबिनेट और पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में एक भी महिला के न होने पर भी सवाल उठाया है।
कविता ने केजरीवाल से पूछा है कि वह महिलाओं की सहनशीलता की तारीफ करते हैं। वह किस तरह की सहनशीलता है? क्या वह अन्याय, अत्याचार,गुलामी और असमानता के लिए सहनशील होने की तारीफ कर रहे हैं? उन्होंने पूछा है कि केजरीवाल महिलाओं के बहन, मां या पत्नी के परंपरागत रोल से ज्यादा नहीं सोच पाते हैं?